अभी-अभी: राम रहीम केस में सामने आए 6 ऐसे नए सच, जानकर उड़े पुलिस के भी होश

साध्वी रेप केस में जेल में कैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के मामले में अब कई नए सच खुलकर सामने आए हैं, जिन्हें जानकर पुलिस भी सकते में है।

दरअसल, राम रहीम को जेल से भगाने की साजिश और पंचकूला में हिंसा दोनों मामलों की जांच जोरो-शोरों से चल रही है। मामले पंचकूला की एसआईटी ने यूटी पुलिस के हेड कांस्टेबल लालचंद को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि आला अधिकारियों को जानकारी दिए बगैर ही डेरा प्रमुख के सुरक्षा काफिले में ड्यूटी देने के लिए शामिल हो गया। बताया जा रहा है कि वह डेरे से जुड़ा रहा है और दंगे के दिन आरोपी ने पंचकूला की तमाम गतिविधियों की जानकारी डेरे तक पहुंचाई।

डेरा प्रमुख को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए लाल चंद 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के काफिले के साथ पंचकूला आया था। अदालत ने जैसे ही डेरा प्रमुख को दोषी करार दिया, उसे फरार कराने की कोशिश हुई, जिसमें लाल चंद की भूमिका अहम मानी जा रही है। जांच में यह बात सामने आई कि चंडीगढ़ में ड्यूटी पर होने के बावजूद लाल चंद ने अधिकारियों के आदेशों की परवाह किए बगैर, बिना जानकारी दिए काफिले में पहुंच गया।

लालचंद के खिलाफ एसआईटी को पुख्ता सुबूत मिले हैं, जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला है कि राम रहीम को सजा सुनाए जाने से पहले ही हेड कांस्टेबल लालचंद ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली थीं। लालचंद ने इसका पूरा बंदोबस्त कर रखा था कि हिंसा के दौरान बाबा को फरार कराकर हिमाचल प्रदेश ले जाया जाएगा। इसीलिए वह बाबा के परिजनों को लेकर टिंबर ट्रेल भी गया था

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पुलिस को मिली एक वीडियो क्लिप में यूटी पुलिस की इंटेलिजेंस विंग में हेड कांस्टेबल साफ तौर पर उनकी गाड़ी से उतरता दिख रहा है। हिंसा से करीब एक सप्ताह पहले भी हेड कांस्टेबल सिरसा के डेरे में रुका था। लालचंद को पता था कि इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी, ऐसे में डेरा प्रमुख को फरार कराने की साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने वॉकी टॉकी का इस्तेमाल किया। इसके जरिये ही वह डेरे के पदाधिकारियों और सिक्योरिटी में तैनात कमांडो के भी संपर्क में रहा।

पुलिस सूत्रों की मानें तो डेरा प्रमुख को फरार कराने की साजिश के मास्टरमाइंड लालचंद ने पुलिस के आला अधिकारियों को इंटेलिजेंस विंग में होने का हवाला दिया। लेकिन इस संबंध में उसने पुलिस के बजाय डेरे के नजदीकियों से संपर्क साधते हुए उन तक सभी इनपुट पहुंचाए। माना जा रहा है कि इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद भी जिन संपर्क साधनों के जरिये हिंसा की साजिश रची गई, उसमें लालचंद की अहम भूमिका थी।

लालचंद को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे छह दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ के दौरान पुलिस खंगालेगी कि वॉकी टॉकी कहां से आई, चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों को जानकारी दिए बगैर पंचकूला कैसे पहुंचा लालचंद, डेरा में कितने दिन रहा और क्या क्या जानकारियां दी। अब तक लालचंद ने चंडीगढ़ या हरियाणा पुलिस को इंटेलिजेंस संबंधी कोई जानकारी दी या नहीं। अगर नहीं तो किस ड्यूटी के लिए वहां गया था, यह पुलिस के लिए अब भी एक सवाल है।

 

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