रामपाल को भेजा जा सकता है गुरमीत राम रहीम की जेल, हिसार से हाेगा शिफ्ट

हत्या के मामलों में आखिरी सांस तक कैद की सजा पाए सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल को हिसार सेंट्रल जेल से किसी अन्य जेल में भेजा जा सकता है। संकेत हैं कि उसे रोहतक की सुनारिया जेल या नारनौल की जेल में शिफ्ट किया जा सकता है। सुनारिया जेल में डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम बंद है। डीजीपी बीएस संधू ने कहा है कि रामपाल को हिसार से कहीं और शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है। रामपाल पर एक मामला रोहतक की अदालत में भी चल रहा है, ऐसे में उसे सुनारिया जेल शिफ्ट करने की अधिक संभावना जताई जा रही है।रामपाल को भेजा जा सकता है गुरमीत राम रहीम की जेल, हिसार से हाेगा शिफ्ट

तीन सदस्यीय कमेटी हिसार की सेंट्रल जेल-2 का करेगी निरीक्षण, इसके बाद होगा शिफ्टिंग होगा विचार

रामपाल को किसी दूसरी जेल में शिफ्ट करने को लेकर आइजी जेल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है।  शुक्रवार को यह कमेटी हिसार सेंट्रल जेल-2 का निरीक्षण करेगी। कमेटी देखेगी कि यह जेल रामपाल के लिए कितनी सुरक्षित है। आसपास का माहौल कैसा है। कमेटी नारनौल जिला जेल भी जाएगी। रोहतक की सुनारिया जेल में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति कमेटी पहले ही आश्वस्त है, क्योंकि टीम वहां पहले ही निरीक्षण कर चुकी है। 

माना जा रहा है कि पुलिस उसे सुनारिया या नारनौल में किसी एक जगह शिफ्ट करेगी। नारनौल जेल के पीछे पहाडिय़ों के कारण कमेटी मना भी कर सकती है। ऐसे में सुनारिया जेल भेजे जाने की संभावना ज्यादा है।

माना जा रहा है कि रामपाल समर्थकों का हिसार में बड़ा नेटवर्क है।

रामपाल पिछले काफी समय से हिसार में है और काफी समर्थक हिसार आ-जा चुके हैं। ऐसे में शहर में रामपाल समर्थकों को घुसने से रोकना पुलिस के लिए काफी चुनौती भरा है। जेल के सामने ही डीसी और कमिश्नर के आवास हैं। जजों के आवास, शिक्षण संस्थान और सरकारी कर्मचारियों की कॉलोनी भी कुछ ही दूरी पर है।

फैसला सुनाते हुए जज बोले, अपराध का कोई धर्म नहीं होता

इससे पहले बुधवार को रामपाल को सजा सुनाते हुए विशेष अदालत ने तल्ख टिप्पणी की। जज ने कहा, अपराध का कोई धर्म नहीं होता है। अपराधी हो या पीडि़त उनको धर्म, जाति, वर्ग के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। जज ने टिप्पणी में कहा कि 21वीं सदी में देश की एक बड़ी आबादी ऐसी है जिसको एक वक्त का खाना नसीब नहीं होता। 30 फीसद जनसंख्या आज भी निरक्षर है। ऐसे लोगों को थोड़ा भोजन और छत देकर यह गॉडमैन अपने वश में कर लेते हैं और उनका व्यापक स्तर पर शोषण करते हैं। पता नहीं क्यों लोग इन संदिग्ध लोगों पर इतना भरोसा कर लेते हैं। यहां तक कि इनके लिए अपनी जान भी देने को तैयार हो जाते हैं।

समाज ने अपना-अपना निजी भगवान बनाया

जज ने कहा, वर्तमान समय में प्रत्येक जाति, वर्ग और समाज ने अपना-अपना निजी भगवान बना लिया है। उस भगवान के प्रति निष्ठा जाहिर करने के लिए उनके नाम से पेड़ों के नीचे छोटे-छोटे मंदिर अथवा बड़े-बड़े पत्थर रख दिए जाते हैं, जो बाद में बड़े-बड़े मंदिरों का स्वरूप धारण कर लेते हैं।

अच्छे विचारों के संत भी

ऐसा नहीं है कि वर्तमान समय में अच्छे विचारों के संत, महात्मा भारत में नहीं हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो स्टीव जोब्स, मार्क जुकरबर्ग जैसे लोग अपने संघर्ष के दिनों में भारत की यात्राएं नहीं करते। कानून की सर्वोच्चता को मान्यता देना प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। यदि कानून किसी अपराध के लिए सजा का प्रावधान करता है तो कानून के पास उसको लागू करने का तंत्र भी होता है। राज्य का कर्तव्य है कि यह देखे कि कोई व्यक्ति अथवा संगठन कानून को अपने हाथों में न ले पाए।

वकील नहीं कर सके रामपाल का बचाव

कोर्ट ने लिखा है कि बचाव पक्ष की तरफ से ऐसा कोई तथ्य अथवा वस्तु प्रस्तुत नहीं की गई, जिससे यह सिद्ध हो सके कि अभियुक्त निर्दोष है। जबकि अभियोजन पक्ष के साक्ष्य पूर्णतया सही और विश्वास योग्य हैं। इन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। इसी को देखते हुए सजा दी जा रही है

Back to top button