राफेल के सबसे खूंखार हथियार HAMMER का भारत में होगा निर्माण

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और फ्रांस की सफ्रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस (एसईडी) ने मिलकर हैमर मिसाइल प्रणाली का उत्पादन भारत में करने का निर्णय लिया है। यह समझौता 24 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में हुआ, जिसमें दोनों कंपनियों के उच्च अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। यह राफेल का एक महत्वपूर्ण हथियार है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगा, जिससे 60% तक पार्ट्स भारत में ही बनेंगे।

भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) और फ्रांस की सफ्रान इलेक्ट्रानिक्स एंड डिफेंस (एसईडी) ने भारत में हाईली एजल माड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज (हैमर) हवा से जमीन पर सटीक निर्देशित हथियार प्रणाली के उत्पादन के लिए हाथ मिलाया है।

यह समझौता 24 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और सफरान के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर बीईएल के सीएमडी मनोज जैन और एसईडी के कार्यकारी उपाध्यक्ष एलेक्जेंडर जिग्लर ने संयुक्त रूप से समझौते पर हस्ताक्षर किए।

राफेल का घातक हथियार माना जाता है हैमर

हैमर एक सटीक-निर्देशित हथियार प्रणाली है जो अपनी उच्च सटीकता और माड्यूलर डिजाइन के लिए जानी जाती है, जिससे यह राफेल और हल्के लड़ाकू विमान तेजस सहित कई प्लेटफार्मों के लिए अनुकूल है।

आत्मनिर्भर भारत की ओर महत्वपूर्ण कदम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देते हुए बीईएल और फ्रांस की एसईडी ने भारत में हैमर हथियार के उत्पादन के लिए एक संयुक्त उद्यम सहयोग समझौते (जेवीसीए) पर हस्ताक्षर किए।

यह जेवीसीए भारत के रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने के लिए बीईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और इसका उद्देश्य स्मार्ट, हवा से जमीन पर सटीक निर्देशित हथियार के निर्माण में एसईडी के व्यापक अनुभव का लाभ उठाना है।

भारत में ही बनेगा 60 प्रतिशत तक पार्ट्स

11 फरवरी 2025 में एयरो इंडिया के दौरान दोनों कंपनियों ने सिर्फ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। आज वही बात एक संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) बनाने तक पहुंच गई। नई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड होगी, जिसमें बीईएल और सफ्रान का बराबर-बराबर 50-50 प्रतिशत हिस्सा होगा।

शुरुआत में कुछ पा‌र्ट्स फ्रांस से आएंगे, लेकिन धीरे-धीरे 60 प्रतिशत तक सब कुछ भारत में ही बनेगा। इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल पा‌र्ट्स, सब-एसेम्बली सब देश में तैयार होंगे। आखिरी असेंबली, टे¨स्टग और क्वालिटी चेक बीईएल खुद करेगी।

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