राज्यसभा की तीनों सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी DMK, कांग्रेस की बात मानने से किया इनकार
पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह अब तमिलनाडु से राज्यसभा नहीं जाएंगे. दरअसल, तमिलनाडु की 6 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं. इनमें से तीन सीट पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) जीत दर्ज कर सकती है. ऐसे में खबर थी कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को राज्यसभा भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन डीएमके ने तीनों सीटों पर खुद लड़ने का ऐलान किया है. इसमें से एक सीट वह अपने सहयोगी मरूमलर्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) प्रमुख वाइको को देगी.
डीएमके ने राज्यसभा के लिए इन्हें किया नामित
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने राज्यसभा चुनावों के लिए डीएमके की मजदूर इकाई मजदूर प्रगतिशील मोर्चा (एलपीएफ) के महासचिव एम शनमुगम और अधिवक्ता बी विल्सन को नामित किया है. सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी गई. स्टालिन ने कहा कि पहले किए गए समझौते के तहत एक सीट एमडीएमके को दी जाएगी.
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इसी बीच, राज्यसभा के लिए डीएमके की ओर से नामित होने पर एलपीएफ महासचिव एम शनमुगम और अधिवक्ता बी विल्सन ने एमके स्टालिन से मुलाकात की.
बता दें कि राज्य में राज्यसभा चुनाव 18 जुलाई को होंगे. सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन, केआर अर्जुनन, टी रतिनवेल, आर लक्ष्मणन, डीएमके की कनिमोझी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है.
द्रविण मुनेत्र कड़गम नेता कनिमोझी ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में तूतीकोरिन से जीत दर्ज की थी.
राज्य की 234 सदस्यों वाली विधानसभा में अन्ना द्रमुक के 123 सदस्य (अध्यक्ष समेत), द्रमुक के 100, कांग्रेस के सात, आईयूएमएल और निर्दलीय के एक-एक सदस्य हैं, तथा दो सीटें रिक्त हैं.
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह का राज्यसभा में कार्यकाल 14 जून को खत्म हो गया है. कांग्रेस मनमोहन सिंह को एक बार फिर राज्यसभा में लाना चाहती है, इसके लिए कांग्रेस ने डीएमके से भी बात की थी. बता दें कि मनमोहन सिंह असम से लगातार पांच बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. जब वह प्रधानमंत्री थे, तब भी वह राज्यसभा से ही चुनकर आए थे.