राजस्थान बनेगा मिनरल हब, AI-ML बदलेगी किस्मत

जयपुर: प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर राजस्थान के खनन सेक्टर को नई दिशा देने वाले दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। आरएसएमईटी और आइआइटी हैदराबाद के बीच होने वाले MOU के तहत क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के अन्वेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेस (AI) एवं मशीन लर्निंग (ML) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। चार चरणों में संचालित होने वाली यह परियोजना 18 माह में पूरी होगी।
दूसरा एमओयू आरएसएमईटी और आइआइटी-आइएसएम धनबाद के बीच किया जाएगा। इसके तहत राजस्थान में चिन्हित 80 खदान डम्प्स और टेलिंग्स का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाएगा। एकवर्षीय इस परियोजना में मैपिंग, सैंपलिंग और मिनरलॉजिकल एनालिसिस के माध्यम से टंगस्टन, लिथियम जैसे खनिजों की संभावनाओं का आकलन किया जाएगा। यह जानकारी प्रमुख खान सचिव टी. रविकान्त ने दी।
चीन का दबदबा होगा कम
नागौर के डेगाना क्षेत्र में टंगस्टन और लिथियम खनिज का खनन फिर से शुरू होने और राजस्थान के अन्य भागों में खनिजों की उपलब्धता मिलने पर इन खनिजों के लिए चीन पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी। प्रवासी राजस्थानी दिवस पर प्रस्तावित MOU होने पर डेगाना के अलावा प्रदेश के अन्य भागों में भी मिनरल्स की उपलब्धता का वैज्ञानिक आकलन और मुल्यांकन हो सकेगा।
केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र में बीते लंबे समय से ठप पड़े टंगस्टन खनन और संभावित लिथियम संसाधनों के दोबारा सक्रिय होने की उम्मीद मजबूत हो गई है। लोकसभा में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 16 सितंबर 2025 को डेगाना तहसील स्थित आरएएमबी डेगाना टंगस्टन, लिथियम और संबंधित खनिज ब्लॉक की नीलामी के लिए छठे चरण के तहत निविदा आमंत्रण सूचना (एनआइटी) जारी कर दी है।





