राजस्थान: पूर्व सीएम गहलोत के PSO राजकुमार यादव गिरफ्तार

यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि इसकी कड़ियां मुख्यमंत्री कार्यालय तक जुड़ती दिख रही हैं। अब तक 50 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे गहलोत सरकार पर सीधा हमला बताया है।
राजस्थान की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पेपर लीक घोटाले में एक ऐसा नाम सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) राजकुमार यादव को स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि यादव ने अपने बेटे भरत यादव के लिए सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर खरीदा था।
सिक्योरिटी की आड़ में लीक?
सूत्रों की मानें तो राजकुमार यादव की गिरफ्तारी ऐसे वक्त हुई है जब SOG की टीम पिछले कई महीनों से SI पेपर लीक की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी। जांच में खुलासा हुआ कि यादव ने बेटे को पास कराने के लिए मोटी रकम देकर पेपर खरीदा। भरत यादव ने लिखित परीक्षा पास की, लेकिन फिजिकल टेस्ट में फेल हो गया।
अब सवाल उठता है
क्या ये सिर्फ एक बाप-बेटे की चाल थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश और ताकतवर नेटवर्क काम कर रहा था?
राजस्थान की परीक्षाएं या मज़ाक?
राजस्थान में पेपर लीक अब कोई नई बात नहीं रही। REET, पटवारी, आरएएस, SI भर्ती ऐसी कोई बड़ी परीक्षा नहीं जो लीक से अछूती रही हो। इस बार मामला इसलिए खास है, क्योंकि लीक की जड़ें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचती दिख रही हैं। इस केस में अब तक 50 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें 44 प्रशिक्षु SI, पूर्व RPSC सदस्य रामूराम रायका और दस्तावेज लीक गिरोह के 30 से अधिक सदस्य शामिल हैं। अब PSO की गिरफ्तारी ने ये सवाल खड़ा कर दिया है।
‘जहां सुरक्षा थी, वहीं से हुई सेंध’ गजेंद्र शेखावत का तंज
मामले ने तूल तब पकड़ा जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि मतलब जहां सुरक्षा थी, वहां से ही लीक हुआ! उनका ये बयान सीधे तौर पर कांग्रेस और गहलोत सरकार पर बड़ा हमला माना जा रहा है। हालांकि अभी तक अशोक गहलोत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कोर्ट ने 26 को दी जमानत
हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में 26 आरोपियों को जमानत दे दी। कोर्ट ने SOG की जांच पर ही सवाल उठा दिए, ये कहते हुए कि उनके पास तकनीकी सबूत कमजोर और संदेहास्पद हैं। ऐसे में अब PSO और उसके बेटे की गिरफ्तारी SOG के लिए भी ‘रेडेम्प्शन’ की तरह देखी जा रही है।