राजस्थान: नई टाउनशिप नीति लागू, कैबिनेट की मंजूरी के बाद UDH ने जारी की अधिसूचना

नई नीति के तहत एक राज्य स्तरीय इंप्लीमेंटेशन और मॉनिटरिंग कमेटी का गठन होगा, जिसमें विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ डेवलपर एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

राजस्थान के शहरों में अब पुरानी टाउनशिप पॉलिसी की जगह नई टाउनशिप पॉलिसी लागू कर दी गई है। हाल में राज्य कैबिनेट की बैठक में इस टॉउनशिप पॉलिसी को मंजूरी दी गई थी। राजस्थान में पिछली टाउनशिप पॉलिसी 15 साल पहले लागू हुई थी। अब इसकी जगह नई टाउनशिप नीति ने ले ली है। गौरतलब है कि नई टाउनशिप नीति का मसौदा पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाया गया था। जिसे मौजूदा भजनलाल सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

गौरतलब है कि नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मंजूरी के बाद पिछले साल 27 जून को टाउनशिप नीति का प्रारूप जारी किया गया था। प्रारूप पर एक महीने का समय देते हुए आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे। सोमवार को इसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गई। इसके बाद गुरुवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

जानिए नई टाउनशिप नीति में ऐसे कौन से प्रावधान हैं जो पहली बार लागू किए गए हैं…
नई टाउनशिप नीति में राज्य स्तरीय इंप्लीमेंटेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी टाउनशिप नीति के इंप्लीमेंटेशन, मॉनिटरिंग और रिव्यू को लेकर बड़े फैसले ले सकेगी। इस कमेटी में नगरीय विकास, स्वायत्त शासन विभाग, ऊर्जा विभाग और जल संसाधन विभाग के सचिव शामिल होंगे।
डेवलेपर एसोसिशन के दो प्रतिनिधि भी इस कमेटी में शामिल होंगे।
राजस्थान रियल एस्टेट वेब पोर्टल बनेगा। इस पोर्टल पर विकासकर्ता अपनी योजनाओं की समस्त जानकारी अपलोड करेंगे। नई नीति में विभिन्न जल स्रोत नदी, नाला, तालाब, नहर, बरसाती नाला, झील के संरक्षण के लिए इनके दोनों तरफ न्यूनतम बफर जोन का प्रावधान किया गया है। सभी योजनाओं में रैन वाटर हार्वेस्टिंग और वेस्ट वाटर रिसाइकल के प्रावधान किए गए हैं। पार्क अथवा खुले स्थानों में सामुदायिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग और वेस्ट वाटर रिसाइकल निर्मित किए जा सकेंगे।

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