राजस्थान के पंडितों ने किया ऐलान, अब नहीं कराएंगे शादी

नई दिल्ली : राजस्थान में लगातार बाल विवाह के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसे कम करने के लिए पंडितों ने एक अनोखी पहल की है। इस पहले के अनुसार पंडित पहले लड़की की जन्मपत्री देखेंगे इसके बाद ही फेरे कराएंगे।

राजस्थान के पंडितों ने किया ऐलान, अब नहीं कराएंगे शादी
जानकारी के अनुसार हर साल बड़ी तादाद में नाबालिग के विवाह यहां पर संपन्न् हो जाते हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा प्रयास करने के बाद भी उन पर रोक नहीं लग पा रही है।
अब नाबालिग जोड़ों के विवाह रोकने के लिए सिद्धपीठ जालपा माता मंदिर के पंडितों ने भी ऐलान किया है कि वह भी अब नाबालिगों के विवाह नहीं कराएंगे। इसके लिए सगाई, शादी सहित विवाह जुड़ी हुई रस्में पूरी कराने के पहले वर-वधु की आयु देखेंगे।
इसके लिए वह पहले ही रस्में करवाने के पूर्व वर-वधु या उनके परिजनों से उनके परिचय-पत्र, कखा 10 वीं की अंकसूची या फिर आधारकार्ड जो भी उनके पास शासन द्वारा आयु को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज उपलब्ध हो वह देखेंगे।
इसके बाद वह उनकी एक-एक फोटो कॉपी भी प्राप्त करेंगे ताकि रिकार्ड में रखा जा सका। पं. ताराचंद आचार्य एवं माखनलाल राजगुरू ने बताया कि नाबालिगों का विवाह कानूनन अपराध है ऐसे में जब संपन्न् कराने वाले भी उनकी रोक के लिए प्रयास करेंगे तो स्वभाविक तौर पर नाबालिगों के विवाहों पर अंकुश लगेगा।
बड़ी मात्रा में आते हैं यहां नाबालिग जोड़े : 
उन्होंने बताया कि जिले के सिद्धपीठ पर विवाह होने के बाद हर साल बड़ी संख्या में नाबालिग जोड़े दर्शन करने के लिए आते हैं। उन्हें देखकर हम उस समय कर तो कुछ भी नहीं सकते, लेकिन उसी को ध्यान में रखते हुए ऐसा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन भी अकेले कुछ नहीं कर सकता जबतक जिम्मेदार सहायोग नहीं करेंगे।

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