राजस्थान के नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास आज संभालेंगे पदभार

राजस्थान के नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास का रेकॉर्ड बताता है कि वे केवल परंपरागत प्रशासनिक अधिकारी नहीं, बल्कि सुधार और नवाचार के पैरोकार हैं। एम्स नई दिल्ली में डिजिटल हेल्थ मॉडल से लेकर केंद्र में पेंशन और लोक शिकायत विभाग में त्वरित निस्तारण प्रणाली तक, उन्होंने कई प्रयोग किए हैं जिनका असर अब राजस्थान की गवर्नेंस पर भी दिख सकता है।
शिकायतों का किया त्वरित समाधान
केंद्र में सचिव रहते वी. श्रीनिवास ने वन नेशन, वन पोर्टल शुरू किया। इसके तहत शिकायतों का दो से तीन सप्ताह में समाधान सुनिश्चित किया गया। कॉल ऑडिट से फीडबैक लेने और शिकायतकर्ता की भाषा में जवाब देने की व्यवस्था भी की गई। इससे सरकारी सिस्टम में सुनवाई न होने की धारणा बदली।
पेंशनरों को राहत
हर साल बैंक जाकर जीवित प्रमाण पत्र देने की बाध्यता खत्म कर उन्होंने इसे डिजिटल कराया। इससे लाखों पेंशनरों को राहत मिली।
राजस्थान में ये रहेंगी प्राथमिकताएं और चुनौतियां
नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के सामने अब राज्य में सख्त मॉनिटरिंग की चुनौती है।
1- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स।
2- स्वास्थ्य व डिजिटल मिशन।
3- अवैध खनन पर नियंत्रण।
4- कानून-व्यवस्था में तकनीकी सुधार।
5- एक वर्ष का संभावित रोडमैप।
6- फाइल मूवमेंट टाइम आधा करने का लक्ष्य।
7- विभागीय परफॉर्मेंस इंडेक्स में सुधार।
8- बजट घोषणाओं की समयबद्ध मॉनिटरिंग।
9- रिफाइनरी, रामजल सेतु लिंक और जल परियोजनाओं को गति।
10- जिला योजनाओं में डिजिटल ट्रैकिंग को प्रभावी बनाना।
अंता उपचुनाव: कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया की धमाकेदार जीत, जानें भाजपा सरकार को लेकर क्या बोले अशोक गहलोत
23 की उम्र में बन गए थे आइएएस
श्रीनिवास 1 सितंबर 1966 को जन्मे और आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने हैदराबाद स्थित उस्मानिया विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक पूरा किया। उन्होंने 1989 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 23 वर्ष की आयु में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में आए।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव
जी-20 के भारत आयोजन से पहले उन्होंने रोडमैप पर विशेष अध्ययन किया और ‘जी-20 : द रोडमैप टू द इंडियन प्रसीडेंसी’ पुस्तक लिखी। हिंदी को बढ़ावा देने के लिए उन्हें 2025 में राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी मिला।
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय संस्थान का दायित्व
श्रीनिवास वैश्विक स्तर पर लोक प्रशासन में वैज्ञानिक अनुसंधान व सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (आइआइएएस) के अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल वर्ष 2028 तक रहेगा। उन्होंने आस्ट्रिया के डॉ. अलेक्जेंडर बाल्थजार को बड़े अंतर से हराया। आइआइएएस का मुख्यालय ब्रुसेल्स में है।





