राजस्थान: अब भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद नहीं कर सकेंगे पेपर डिस्कशन

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने राज्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए अहम निर्णय लिया है। अब परीक्षा के तुरंत बाद उम्मीदवार, कोचिंग संचालक या शिक्षक किसी भी तरह से प्रश्नपत्र का विश्लेषण या चर्चा नहीं कर पाएंगे। यह नियम आज से शुरू होने वाली चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा से लागू होगा, जो 23 सितंबर तक छह पारियों में आयोजित होगी।
चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने स्पष्ट किया कि परीक्षा के दौरान या समाप्ति से पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी प्लेटफॉर्म पर पेपर का सॉल्यूशन या चर्चा करना परीक्षा में बाधा माना जाएगा। इस प्रकार की गतिविधियां छात्रों की मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं और कई बार पेपर लीक की अफवाहों को भी जन्म देती हैं। इसलिए परीक्षा की निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए इस पर सख्त रोक लगाई गई है। उम्मीदवार और शिक्षक परीक्षा के पेपर पर केवल 19 सितंबर से पहले या 23 सितंबर के बाद ही चर्चा कर सकेंगे।
इस बार की चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा राज्य की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक मानी जा रही है। इसमें कुल 53,749 पदों के लिए 24 लाख 75 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। परीक्षा के लिए प्रदेशभर में 38 जिलों के 1300 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 200 केंद्र जयपुर जिले में स्थापित किए गए हैं। अकेले जयपुर में 4.5 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा देंगे।
सरकार ने अभ्यर्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन संबंधी व्यवस्था भी की है। 19 से 23 सितंबर तक अभ्यर्थी राजस्थान रोडवेज की बसों में अपना एडमिट कार्ड दिखाकर मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। इतना ही नहीं परीक्षा से दो दिन पहले और समाप्ति के दो दिन बाद तक भी नि:शुल्क बस सेवा उपलब्ध रहेगी।
चयन बोर्ड का मानना है कि इस नए नियम और बेहतर प्रबंधन से भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता बनी रहेगी और लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत निष्पक्ष माहौल में परखी जा सकेगी।