राजनीति को पूरे हुए 15 साल

2010 में रिलीज हुई फिल्म ‘राजनीति’ में रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की एक्टिंग को आज भी फैंस भूल नहीं पाए। इस पॉलिटिकल ड्रामे ने दोनों सितारों की प्रतिभा को नया मुकाम दिया। हाल ही में डायरेक्टर प्रकाश झा और स्क्रीनराइटर अंजुम रजबाली ने SCREEN मैगजीन से बातचीत में फिल्म के पीछे की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे रणबीर ने अपनी सहज एक्टिंग से सबको चौंकाया, वहीं कैटरीना ने 40 दिन तक मेहनत कर अपने किरदार को बखूबी निभाया।
प्रकाश झा का विजन और महाभारत का असर
‘राजनीति’ एक सोशल-पॉलिटिकल ड्रामा थी, जो शुरू में महाभारत से प्रेरित नहीं थी, लेकिन बाद में इसकी थीम्स महाभारत से मिलती-जुलती हो गईं। प्रकाश झा ने बताया, “मेरी फिल्में ‘गंगाजल’ या ‘अपहरण’ किसी खास घटना से प्रेरित थीं, लेकिन ‘राजनीति’ समाज और राजनीति की व्यापक हकीकत पर बनी थी। इसमें महाभारत जैसे किरदार और ड्रामा अपने आप आ गए।” फिल्म में रणबीर का किरदार समर प्रताप (अर्जुन से प्रेरित) और कैटरीना का किरदार इंदु (द्रौपदी से प्रेरित) था।
रणबीर की शानदार एक्टिंग ने जीता दिल
अंजुम रजबाली ने खुलासा किया कि जब प्रकाश झा ने रणबीर को कास्ट करने का फैसला लिया, तब उनकी पहली फिल्म ‘सावरिया’ भी रिलीज नहीं हुई थी। रजबाली को शक था कि क्या रणबीर इतना जटिल किरदार निभा पाएंगे। लेकिन भोपाल के सेट पर रणबीर का एक साइलेंट सीन देखकर वह हैरान रह गए। रजबाली ने कहा, “रणबीर एक इंट्यूटिव एक्टर हैं। उनकी चुप्पी में भी गहराई थी। वह बिना मेहनत के अपने किरदार में ढल गए।”
कैटरीना की मेहनत और डबिंग का कमाल
कैटरीना के लिए ‘राजनीति’ का किरदार आसान नहीं था, क्योंकि उन्हें जटिल हिंदी डायलॉग बोलने थे। रजबाली को उनके एक्सेंट की चिंता थी, लेकिन प्रकाश झा को उन पर पूरा भरोसा था। झा ने बताया, “कैटरीना बहुत मेहनती हैं। उन्होंने 30-40 दिन तक अपने डायलॉग रटे ताकि वह आत्मविश्वास से बोल सकें।” डबिंग सेशन में कैटरीना ने शब्द-दर-शब्द सही उच्चारण के साथ डायलॉग बोले, जिसने रजबाली को भी प्रभावित किया था।
कांग्रेस की आपत्ति और सेंसर बोर्ड विवाद
फिल्म रिलीज से पहले कांग्रेस पार्टी को लगा था कि कैटरीना का किरदार सोनिया गांधी से प्रेरित है। सेंसर बोर्ड की स्क्रीनिंग में कांग्रेस के कुछ सदस्य आए और उन्होंने फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था। एक सीन में ‘विधवा’ शब्द पर आपत्ति हुई, जिसे बाद में ‘बिटिया’ से बदल दिया गया। प्रकाश झा ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार थे, क्योंकि उनकी फिल्म में कुछ गलत नहीं था।