रसोई में जरूर रखें वास्तु नियमों का ध्यान, बना रहेगा मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद

मां अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी गई हैं और इनके आशीर्वाद से साधक को कभी अन्न की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है। ऐसे में रसोई से जुड़े कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, ताकि देवी अन्नपूर्णा की कृपा आपके परिवार पर सदा बनी रहे। आज हम आपको रसोई से जुड़े ही कुछ जरूरी नियम बताने जा रहे हैं।

कौन-सी दिशा है सही
वास्तु शास्त्र में रसोई को घर की दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) दिशा में बनवाना शुभ माना गया है। इस दिशा में अग्नि का प्रभुत्व माना गया है, ऐसे में इस दिशा में खाना पकाना सबसे उत्तम होता है। इससे जातक को कभी अन्न की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। अगर आपके लिए इस दिशा में रसोई बनवाना संभव नहीं है, तो आप घर की उत्तर-पश्चिम कोने में भी रसोई घर बनवा सकते हैं।

इससे भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार कभी भी उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या फिर घर के केंद्र में रसोई नहीं बनवानी चाहिए। ऐसा करने पर आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है, जिससे जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

रखें इन बातों का ध्यान
रसोई में कभी भी टूटे-फूटे या चटके हुए बर्तन नहीं रखने चाहिए। इसके साथ ही रसोई घर में खराब हो चुके उपकरण या फिर बेकार पड़े सामान को भी रखने से बचना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा पैदा होने लगती है। यह भी माना गया है कि अगर आप रात में सिंक में जूठे बर्तन छोड़ देते हैं, तो इससे आपको मां अन्नपूर्णा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।

लग सकता है वास्तु दोष
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई में कभी भी शीशा नहीं रखना चाहिए। इसके साथ ही किचन में झाड़ू या गंदे कपड़े (रसोई में इस्तेमाल होने वाले) भी नहीं रखने चाहिए। इन कपड़ों को हमेशा साफ करके रखें। रसोई को हमेशा साफ-सुथरना रखना चाहिए, ताकि मां अन्नपूर्णा की कृपा आपके व आपके परिवार पर बनी रहे। वहीं इन बातों को नजरअंदाज करने से आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है।

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