योगी जी, मेरा पति आतंकी नहीं था, फिर क्यों मारी गोली?

लखनऊ. योगी जी मेरा पति आतंकी नहीं था फिर क्यों? मारी गोली। यह उस महिला के सवाल हैं, जिसके पति को पुलिस ने बेवजह ही गोली मार कर मौत की नींद सुला दिया। मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जवाब चाहती हूं, पुलिस ने मेरे पति को क्यों मार दिया। अगर वो जैसी भी हालत में थे उन्हें गोली क्यों मारी गई। आरटीओ से नंबर के जरिए पता करते और फिर घर आते। गोली मारने की जरूरत क्यों आई?
लोगों ने कैंडिल जला कर इस घटना की निंदा कीराजधानी के गोमतीनगर में शुक्रवार देर रात पुलिस ने एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी। लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान विवेक की मौत हो गई। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बेहद नजदीक से गोली मारने की पुष्टि हुई है। आरोपी दोनों पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है और जेल भेज दिया गया है। दोनों पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं इस हत्याकांड के बाद लोगों का आक्रोश बढ़ा जा रहा है। विवेक तिवारी के घर के सामने लोग धरने पर बैठ गए हैं, लोगों ने कैंडिल जला कर इस घटना की निंदा की।
पत्नी को नौकरी देने की घोषणा
वहीं विवेक तिवारी हत्या कांड में सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। योगी सरकार ने मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और पत्नी को नौकरी देने की घोषणा की है। डीएम कौशलराज शर्मा ने बताया कि शासन की ओर से परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और नगर निगम में पत्नी को नौकरी देने की घोषणा हुई है। डीएम ने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है।
वहीं विवेक की कुलीग एपल कंपनी में काम करने वाली सना का कहना है, शुक्रवार रात करीब 1:30 बजे गोमतीनगर इलाके में वह अपने सहकर्मी विवेक उर्फ विनय तिवारी के साथ कार से जा रही थी। सीएमएस गोमतीनगर के पास कार खड़ी थी। तभी सामने से सफेद अपाचे सवार दो पुलिसकर्मी आए। उन्होंने कार को रोकने के लिए इशारा किया। मैं कार में अकेली थी। कुछ गलत न हो इसलिए सर (विवेक) ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। इसके बाद गोली चलने की आवाज सुनाई दी। विवेक सर के सिर से खून निकल रहा था। घबराहट में उन्होंने गाड़ी भगा दी। कुछ दूर जाकर कार टकरा गई। दोनों पुलिसकर्मी अपनी बाइक वहीं छोड़कर भाग गए। गंभीर हालात में विवेक को लोहिया पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने दोनों सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप पर ३०२ का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पीछे छोड़ गए दो बच्चेमृतक विवेक तिवारी सुलतानपुर के शंकरपुरम करौंदिया के रहने वाले थे। उनके पिता उदय नारायण बैंक में मैनेजर रहे हैं। विवेक दो भाई हैं। दूसरा भाई नीरज उनसे छोटा है। पत्नी ने बताया, विवेक एपल कंपनी में एरिया मैनेजर पद पर कार्यरत थे। विवेक घर में पत्नी कल्पना, बेटी शिवी और सानू के साथ रहते थे। वे 4 साल से एपल कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर थे। शुक्रवार को कंपनी ने नया मॉडल लॉन्च किया था। इसकी लॉन्चिंग के बाद वे अपनी कुलीग सना खान को विभूति खंड स्थित ऑफिस से अपने कार से उसके घर ड्रॉप करने जा रहे थे।
……….मृतक की पत्नी ने मांगी सरकारी नौकरी और एक करोड़ का मुआवजामृतक की पत्नी कल्पना तिवारी ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए मामले में सीबीआई जांच करने के अलावा एक करोड़ के मुआवजे की मांग की है। साथ ही पति की हत्या के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है। इसके लिये उन्होंने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है।
सीएम को लिखे पत्र में मृतक की पत्नी ने हादसे की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार की जीविका सुचारू रूप से चल सके, इसके लिये प्रार्थिनी की शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए उसे पुलिस विभाग में नौकरी दी जाये। साथ ही प्रार्थिनी की बुजुर्ग मां और बच्चों के भविष्य के लिये सरकार की ओर से उन्हें कम से एक करोड़ की मुआवजा राशि दी जाये।
कल्पना तिवारी ने पुलिसिया कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पुलिसवालों को कुछ गलत लग रहा था तो क्या सीधे गोली मार दी जाती है? पुलिस को उन्हें पकड़कर पूछताछ करनी चाहिये थी। फिर भी गोली मारनी थी तो पैर में हाथ में भी मार सकते थे, लेकिन पुलिसवालों उन्हें जान से मारना चाहते थे। यही कारण है कि उनके सिर के पास गोली मारी गई।
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मुख्यमंत्री जब तक नहीं आएंगे तब तक नहीं होगा अंतिम संस्कार
अपने पति को ऐसी दर्दनाक घटना में खोने पर पत्नी कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की मांग की है। साथ ही कहा है कि जबतक मुख्यमंत्री से बात नहीं होगी या जबतक वे खुद नहीं आएंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। आम आदमी से अपराधी जैसा सलूक किया गया है। वहीं मृतक के चाचा तिलकराज तिवारी का कहना है कि वे खुद एक पुलिस इंस्पेक्टर रह चुके हैं और जहां तक उन्हें पता है कभी किसी को गर्दन में गोली नहीं मारी जाती। उन्होंने फेक एनकाउंटर को लेकर कहा कि योगी सरकार के राज में इस तरह का अपराध हो रहा है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
..और इस लिए मार दी गोलीगोली मारने वाले कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने बताया कि मैंने ऐसा अपने बचाव में किया। कार की लाइट्स ऑफ देखी। गाड़ी रोकने की कोशिश की गई, लेकिन गाड़ी रूकी नहीं। ऐसे में गोली चला दी।
एसआईटी करेगी जांच
डीजीपी ओपी सिंह ने आईजी लखनऊ रेंज सुजीत पांडेय की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है। एसपी क्राइम लखनऊ और एसपी देहात को भी शामिल किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि अब तक पुलिस की तहकीकात में जो सामने आया है। उसमें दोनों सिपाहियों की गलती पायी गई है। अगर विवेक गाड़ी नहीं रोक रहा था तो सिपाहियों को टायर में गोली चलानी चाहिये थी सिर पर गोली नहीं मारनी चाहिए थी।
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लखनऊ में कोई एनकाउंटर नहीं : सीएम योगीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में कोई एनकाउंटर नहीं हुआ है। मामले आरोपी सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हादसे की जांच उच्च स्तरीय जांच होगी और जरूरत पड़ी तो पूरी घटना की सीबीआई जांच भी कराई जाएगी।…………………………पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी : राजबब्बरकांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने विवेक तिवारी की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिये। लखनऊ में एक आम शहरी का एनकाउंटर कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी है। देश के गृहमंत्री के चुनाव क्षेत्र में भी आम आदमी सुरक्षित नहीं है। प्रवचनकर्ता प्रधानमंत्री विवेक तिवारी के परिवार को क्या जवाब देंगे?…………………………..
गलत बर्दाशत नहीं : डिप्टी सीएम मौर्यडिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस तरह बिना जांच पड़ताल के गोली चलाना गलत है। किसी इनोसेंट पर पुलिस द्वारा गोली चलाई गई है। इसके लिए एक्शन लिया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कार्यवाही होगी।
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माफी मांगें सीएम और डीजीपी : सपा प्रवक्तासमाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि पुलिस की गोली से निर्दोष व्यक्ति मारा गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ डीजीपी ओपी सिंह सार्वजनिक रूप से जनता और मृतक के परिवार से माफी मांगें। साथ ही परिवार की अधिक से अधिक सहायता करने की जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि ये हादसा मुख्यमंत्री के शब्द ‘ठोक देंगे’ का ही नतीजा है। भदौरिया ने कहा कि गनीमत थी कि मृतक के साथ एक मित्र थी, वरना इसे भी असलहा रखकर एनकाउंटर बता दिया जाता।
 
 

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