ये 5 लक्षण बताते हैं कि शुरु हो गई है भूलने की बीमारी

अक्सर डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों को लोग बढ़ती उम्र से जुड़ी मामूली समस्याएं समझकर इग्नोर कर सकते हैं। हालांकि इन लक्षणों पर ध्यान देना काफी जरूरी है। ऐसा न करने पर यह समस्या काफी बढ़ सकती है और मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। आइए जानें डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।

रोजाना की छोटी-मोटी बातें भूलना, कोई चीज रखकर भूल जाना, फोकस करने में परेशानी, जैसी छोटी-छोटी बातों को हम यूं ही इग्नोर कर देते हैं। लेकिन कई बार ये डिमेंशिया के शुरुआत के संकेत भी हो सकते हैं। जी हां, हर बार याददाश्त कमजोर होना सिर्फ बढ़ती उम्र का साइड इफेक्ट नहीं होता।

इन्हीं वजहों से लोग डिमेंशिया के लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं और इसके कारण यह परेशानी काफी बढ़ जाती है। अगर समय पर इसके कुछ शुरुआती लक्षणों की पहचान कर ली जाए, तो इस बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है। आइए जानें डिमेंशिया के बेहद शुरुआती लक्षण।

याददाश्त कमजोर होना
भूलना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब यह बार-बार हो और रोजमर्रा के जीवन में दखल देने लगे, तो यह चिंता का विषय है। हाल की जरूरी बातों या घटनाओं को बार-बार भूल जाना। एक ही बात को बार-बार पूछना। जरूरी तारीखें, अपॉइंटमेंट्स या नामों को याद न रख पाना। घर के सामान को अजीब जगहों पर रख देना और उन्हें ढूंढ़ने में परेशानी होना, डिमेंशिया का लक्षण है। ध्यान रखें कि कभी-कभी किसी का नाम भूल जाना सामान्य है, लेकिन उस व्यक्ति या घटना को पूरी तरह से भूल जाना चिंता की बात हो सकता है।

प्लान बनाने और प्रॉब्लम सॉल्व करने में परेशानी
डिमेंशिया का असर सिर्फ याददाश्त पर ही नहीं, बल्कि सोचने-समझने और फैसले लेने की क्षमता पर भी पड़ता है। पहले से आसानी से बना लेने वाले प्लान्स बनाने में परेशानी होना। नंबरों के साथ काम करने में दिक्कत, जैसे- बिलों का हिसाब रखना या चेक बुक मेंटेन करना। कोई रेसिपी बनाने या बजट बनाने जैसे कामों में परेशानी होना। किसी काम पर फोकस करने में समय लगना। ये सभी भी डिमेंशिया का संकेत हो सकते हैं।

रोज के कामों में परेशानी होना
अक्सर डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्तियों को रोजाना के काम करने में परेशानी होने लगती है, जैसे- अपने ही घर के आस-पास के इलाके में भटक जाना, काम पर जाने का रास्ता भूल जाना, पसंदीदा खेल के नियम याद न रहना, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल करने में कन्फ्यूजन होना। अगर आपके साथ ऐसी परेशानियां होने लगें, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

समय का ध्यान न रख पाना
इस लक्षण में व्यक्ति को समय बीतने का अंदाजा नहीं रहता और वे समय का ध्यान नहीं रख पाते हैं। कई लोग यह भी भूलने लगते हैं कि वे कहां हैं और वहां कैसे पहुंचे, पुरानी बातों और आज की घटनाओं में कन्फ्यूज होना, ये सभी भी डिमेंशिया का लक्षण हो सकते हैं।

मूड और पर्सनालिटी में बदलाव
डिमेंशिया का सबसे ज्यादा असर व्यक्ति के स्वभाव और व्यवहार पर देखने को मिलता है। वे कन्फ्यूज, उदास, डरे हुए या परेशान रहने लगते हैं। बिना किसी साफ कारण के उदास या डरा हुआ महसूस करना, पारिवारिक और सामाजिक मेलजोल से खुद को अलग कर लेना, आसानी से नाराज हो जाना, परिवार के सदस्यों पर शक करना, पहले के मुकाबले ज्यादा जिद्दी हो जाना, ये सभी डिमेंशिया की ओर इशारा करते हैं।

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