ये है बच्चों को दर्दनाक सजा देने वाले दुनियाभर में बदनाम स्कूल, तस्वीरों में देखे छिपा दर्द

बच्चों को पनीशमेंट दिया जाना कहा तक सही है ये अपने आप में एक बड़ी बहस बन चुका है। यूं तो ये कहा जाता है कि बच्चों को मार-पिटाई से कुछ सिखाया नहीं जा सकता क्योंकि ऐसा करने से उनमें भय की भावना जागृत हो जाती है और फिर इसी डर के चलते बच्चा बार-बार गलतियां दोहराता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो इस बात के पक्ष में है कि बच्चों को पनिशमेंट इसलिए दी जाती है ताकि बच्चे अगली बार अपनी उस गलती को न दोहराए।

 ये है बच्चों को दर्दनाक सजा देने वाले दुनियाभर में बदनाम स्कूल, तस्वीरों में देखे छिपा दर्द

इसी का नतीजा है कि दुनियाभर के स्कूलों में पनिशमेंट के नाम पर कई बार बच्चों को बहुत टॉर्चर करने वाले मामले सामने आए हैं। ऐसा ही एक मामला चीन में सामने आया है। यहां महज बच्चा अगर स्कूल आने में लेट हो जाए तो उन्हें इतनी कड़ी सजा दी जाती है कि इस दृश्य को देख किसी की भी आत्मा सिहर उठे।   

इस स्कूल में ऐसे अजीब नियम करवाए जाते हैं जो किसी ने सोचे भी नहीं होते। लेट आने मासूम बच्चों को ठीक वैसे सजा दी जाती है जैसी फौज में किसी फौजी को दी जाती हो। यहां स्कूल में बच्चों को हाथों के बल उल्टा लटकाया जाता है। ये हकीकत है कि एशिया के स्कूल अपने इन्हीं कठोर नियमों के चलते दुनियाभर में बदनाम है। यहां बच्चों को गलती करने के लिए अजीबो-गरीब पनिशमेंटस दी जाती हैं। 

चीन के स्कूलों में दी जाने वाली पनीशमेंट की तस्वीरें सामने आई हैं। जो हम अपनी इस खबर के संग आपसे शेयर करने जा रहे है। कृप्या इन तस्वीरों को कोई कमजोर दिल वाला इंसान न देखे….

 

स्कूल में लेट आने पर बच्चों को हाथों के बल उल्टा लटकाया जाता है। इसके इलावा, क्लास के बीच में बात करते पकड़े जाने पर बच्चों को हाथ ऊपर उठा कर खड़ा कराया जाता है और यहां तक की कभी-कभी गलती करने पर प्लेग्राउंड में भगाया भी जाता है।

 इतना ही नहीं दर्द देने के लिए यहां बच्चों को पनिशमेंट में जमे हुए मटर पर घुटनों के बल बैठा खड़ा करा दिया जाता है। बच्चों की इस पीड़ा को समझाने के लिए ये तस्वीर काफी है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड में 2 बच्चों को बेस्ट फ्रेंड बनने से रोका जाता है। दरअसल, इसे लेकर ये तर्क दिया जाता है कि अगर बच्चा एक ही इंसान के साथ रहेगा तो बाकी साथियों से बात नहीं कर पाएगा। वैसे ये तर्क कम कु-तर्क ज्यादा दिखाई देता है।

जापान के स्कूलों में बच्चों को अपने बाल कलर करके जाने नहीं दिया जाता, वहीं पेंसिल्वेनिया में बच्चों को स्कूल में डिओडरेंट लगा कर आने की अनुमति नहीं है। कई बार बच्चे इतना ज्यादा डिओडरेंट लगा लेते हैं जिससे आस-पास वाले बच्चों को एलेर्जी हो जाती है।

ह्यूस्टन में अगर क्लास में किसी बच्चें ने कोई डरावनी कहानी सुनाई तो उसे कुछ घंटों के लिए एक अंधेरे कमरे में लॉक कर दिया जाता है। सबसे डरावनी बात तो ये है कि उस कमरे में एक नकली मॉन्सटर भी होता है जो बच्चों को डरा देता है।

शिकागो के एक स्कूल में बच्चों को क्लास के बीच टॉयलेट जाने की अनुमति नहीं मिलती। हालांकि, बच्चे क्लास खत्म होने के बाद टॉयलेट जा सकते हैं। 

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