ये दो बड़े दिग्गज आए साथ हिल गई यूपी की राजनीति

समाजवादी पार्टी पारिवारिक कलह में सियासी लाभ लेने के लिए कांग्रेस फिलहाल चुप्पी साधना ही बेहतर समझ रही है। इस प्रकरण पर हमलावर न होने का संकेत केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक सबको मिल चुका है।

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यही कारण है कि आम तौर पर मुलायम परिवार पर हमलावर रहने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के रुख में भी नरमी आई है।वहीं, इसे भविष्य में ‘मिलकर’ चुनाव लड़ने के विकल्प के तौर पर भी देखा जा रहा है। राज बब्बर ने मंगलवार को कहा कि वह पारिवारिक विवाद से दुखी हैं, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।
वह बोले-इस परिवार के तमाम सदस्यों को उन्होंने अपने सामने बढ़ते हुए देखा है। इस तरह के विवाद के बाद अब लगता है कि जो लोग संघर्ष करके आए हैं, उन्हें अब और संघर्ष करना होगा। माना जा रहा है कि उनका इशारा अखिलेश की तरफ था।
 हम चाहते हैं कि मिले स्थाई समाधान राज बब्बर बोले कि वह चाहते हैं कि इस मामले में जनता के हित में स्थाई समाधान सामने आए। इस तरह की घटनाएं जब होती हैं तो इसका खामियाजा जनता और कार्यकर्ताओं को उठाना पड़ता है। जब उनसे गठबंधन पर सवाल पूछा गया तो वह बोले, गठबंधन हल नहीं है।
यह स्थाई समाधान नहीं होता। उन्होंने कहा, पहले वो अपना स्टैंड क्लियर करें। अब तक तो उनका ही स्टैंड साफ नहीं है। पार्टी का विवाद खत्म होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि इसके पहले सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी यूपी के सियासी हालात पर जानकारी ली थी और नेताओं को हमलावर न होने की हिदायत दी थी।

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