यूपी सरकार के मंत्री की दो टूक… सफाई व्यवस्था में बेवजह हस्तक्षेप न करें पार्षद

महापौर और नगर आयुक्त के बीच अधिकारों को लेकर चल रही तनातनी का असर जिले के प्रभारी मंत्री की बैठक में भी रहा। बैठक में मंत्री की ओर से वही मुद्दे अफसरों के सामने उठाए गए, जिनको लेकर महापौर नगर आयुक्त को घेरती रही हैं।

इसके साथ ही सफाई के मुद्दे पर बंद लफ्जों में मंत्री सुरेश खन्ना ने यह भी कह दिया कि यह काम प्रशासनिक है। इसमें पार्षदों और राजनीतिक व्यक्तियों को बेवजह हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मंत्री के इस बयान से माना जा रहा है कि उन्होंने दोनों पक्षों को अपनी हद में रहने की ताकीद की।

स्मार्ट सिटी ऑफिस में शाम चार बजे जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने नगर निगम के कामकाज की समीक्षा की। इसमें महापौर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त गौरव कुमार के अलावा सभी अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी शामिल हुए। यहां नगर निगम की ओर से सभी विकास कार्यों का प्रेजेंटेशन दिया गया। इस पर मंत्री कई निर्देश दिए और काम में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

बैठक के दौरान महापौर ने अफसरों के अधिकारों पर कोई टिप्पणी नहीं की। सिर्फ इतना कहा कि प्रभारी मंत्री ने जो निर्देश दिए हैं उन पर अमल किया जाएगा। मंत्री ने भी कहा कि विकास कार्यों में लापरवाही पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। मंत्री ने बैठक में नगर निगम की आय बढ़ाने, खर्च में कमी करने, स्वच्छता प्रोत्साहन समिति पहले की तरह बनाने और सरकारी जमीनों को सुरक्षित करने पर विशेष जोर दिया। अंत में उन्होंने कहा कि वह एक महीने बाद फिर से समीक्षा करेंगे।

मंत्री ने नगर निगम अफसरों को दिए ये निर्देश

सड़कों की नियमित रूप से सुबह और रात में सफाई की जाए। सभी जोनल अधिकारी सफाई की निगरानी प्रतिदिन करें। शिकायतों निस्तारण समय से हो।

गृहकर, जलकर एवं अन्य करों को जमा करने में पारदर्शिता बढ़ाई जाए। भुगतान के लिए सरल और सुलभ विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।

निर्धारित पार्किंग स्थलों को चिह्नित कर सुचारू रूप से संचालित किया जाए। सड़कों पर अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई हो।

नगर निगम की सभी जमीनों की वीडियोग्राफी प्रवर्तन दस्ते के सहयोग से कराई जाए। इससे भविष्य में भूमि पर अवैध कब्जे या विवादों से बचाव होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि शहर की धरोहर है। इसे हर कीमत पर सुरक्षित रखना होगा।

शहर के प्रत्येक मकान का एक नंबर निर्धारित होना चाहिए। यह नंबर मैप पर भी स्पष्ट रूप से दर्शाया जाए। इससे पते की पहचान में सरलता होगी। डाक-डिलीवरी, आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों में सहजता बढ़ेगी।

स्वच्छता प्रोत्साहन समिति का गठन वार्ड स्तर पर किया जाए।

किराये की संपत्तियों से किराया वसूलने के लिए एक निश्चित फार्मूला तैयार किया जाए। 31 दिसंबर से पहले कमेटी बनाकर आय में सुधार किया जाए।

स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नगर निगम अलग से अपना बंच वायर डाले। इसके लिए शासन से बजट दिलाया जाएगा।

प्रत्येक नाली की कम से कम महीने में एक बार सफाई निश्चित रूप से कराई जाए।
जोन पांच व आठ में गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए ग्राउंड वाटर रिचार्ज कार्यों को तेज किया जाए।

सभी जोनल अधिकारी हर 15 दिन में समीक्षा बैठक करें और नगर आयुक्त महीने में एक बार व्यापक समीक्षा अवश्य करें, जिससे कार्यों की गति और गुणवत्ता बनी रहे।

म्यूनिसिपल बांड से जुटाए गए रुपयों से आवासीय योजना अहाना ग्रींस के खाली फ्लैटों को बेचने की कार्रवाई तेज की जाए।

अभियंत्रण विभाग हर जोन में एक टीम बनाए जो शहर में निकलकर सड़कों और गलियों का निरीक्षण करे। यदि कहीं गड्ढा हो तो उसे तत्काल भरवाया जाए जिससे वह बड़ा न हो।

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