भाजपा उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा, कांग्रेस से आगे, जानें कैसे?

bjp-08-01-2016-1452269894_storyimageनयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण चुनाव से पहले भाजपा अन्य पार्टियों के प्रतिद्वंद्वी नेताओं को अपने पाले में लाने में कामयाब रही जहां वह 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापस आने के लिए पूरी मशक्कत कर रही है।

भाजपा से भी विधायक सहित कई नेता दूसरी पार्टियों में जा रहे है लेकिन भगवा पार्टी में नए शामिल होने वाले नेताओं की संख्या ज्यादा है। भाजपा में दल बदल करने वाले हाई प्रोफाइल नेताओं में निवर्तमान विपक्ष के नेता एवं बसपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और प्रदेश कांग्रेस की पूर्व मुखिया रीता बहुगुणा जोशी शामिल हैं। अपने खेमे में विपक्षी नेताओं का स्वागत करते हुए इसने जातीय गणित को जहन में रखा। मौर्य के शामिल होने से इसे अपना ओबीसी आधार मजबूत होने की उम्मीद है जबकि भगवा दल में रीता के शामिल होने से इसके ब्राह्मण मतदाताओं को एक सकारात्मक संदेश जाएगा जिन पर कांग्रेस भी नजरें गड़ाए बैठी है।

भाजपा के नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि ओबीसी और दलित वोटों पर ज्यादा जोर देने की वजह से इसके पारंपरिक मतदाताओं तक पहुंच कम नहीं होनी चाहिए खासतौर पर संख्या के तौर पर मजबूत ब्राह्मण तक, लेकिन रीता और बसपा के पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक के पार्टी में शामिल होने से ऐसी कोई अवधारणा नहीं बनेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि तथ्य यह है कि राज्य की राजनीति के बहुत सारे स्थापित चेहरों ने भाजपा को चुना है जो आने वाले समय का संकेत है। उन्होंने आग्रह किया कि इसने पहले ही अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त हासिल कर ली।

साभार : जीन्यूज़हिंदी .कॉम 

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