यूपी में बदली सरकार, बदलेगी थानों की कार्यशैली? नई सरकार में यह है नया आदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने के साथ ही थानों में शिकायत पर बिना किसी भेदभाव कार्रवाई करने तथा दलालों की आवाजाही बंद करने का निर्देश दिया गया है.प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षक, जोनल पुलिस महानिरीक्षक, परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षकों को निर्देश दिया कि प्रदेश के विभिन्न भागों में पेशेवर एवं संगठित रूप से अवैध खनन, अवैध लकड़ी कटान, अवैध पशु-तस्करी, शराब-तस्करी, अवैध बस संचालन एवं अन्य प्रकार के घोर आपत्तिजनक अपराधों पर अंकुश लगाया जाए.

अहमद ने कहा कि थानों पर आने वाले शिकायत-कर्ताओं के साथ सही व्यवहार एवं उनकी शिकायतों पर त्वरित विधिक कार्यवाही कराई जाए. प्रत्येक थाना प्रभारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह अपने थानों और अधीनस्थ चौकियों में यह सुनिश्चित करें कि हर शिकायतकर्ता के साथ बिना किसी भेदभाव के उचित व्यवहार करते हुए उसकी शिकायत पर कार्यवाही की जाए.
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी दशा में लिंग, जाति, धर्म अथवा पहुंच इत्यादि के आधार पर भेदभाव अक्षम्य होगा. इसी प्रकार थानों पर दलालों का आना-जाना या उन्हें शरण देना किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगा और इसका सीधा उत्तरदायित्व थाना प्रभारी और सर्किल के क्षेत्राधिकारी का होगा.’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी रैलियों में कहा था कि प्रदेश के थाने सपा के कार्यालय बन गए हैं और पुलिसकर्मी कार्रवाई में भेदभाव करते हैं.
अहमद ने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थलों चौराहों, बाजार, मॉल्स, पार्क एवं अन्य स्थान, जो सामान्य जन के प्रयोग हेतु हैं, को असामाजिक तत्वों से मुक्त कराया जाए. विशेषकर इन सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित किया जाना सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है.
पुलिस महानिदेशक द्वारा भेजे गये परिपत्र में कहा गया कि सभी प्रकार के पेशेवर एवं संगठित अपराधियों के विरुद्घ कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये. ऐसे अपराधियों की पहचान कर उनके विरुद्घ साक्ष्य एकत्र किये जाएं और उनकी गतिविधियों को पूर्ण विराम देने के लिये प्रभावी विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. ऐसा करते समय यह सुनिश्चित किया जाये कि जाति, धर्म अथवा लिंग के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव न हो. उन्होंने कहा कि जोनल पुलिस महानिरीक्षक अपने स्तर से इसकी समीक्षा प्रतिदिन करते हुए मुख्यालय को विवरण उपलब्ध कराएं.
अहमद ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जिलों में ‘एंटी रोमियो स्क्वायड’ बनाए गए हैं. इसके तहत अधिक से अधिक संख्या में महिला कांस्टेबल की ड्यूटी सादे कपड़ों में लगायी जाये जो सही सूचना दे सकें कि किन स्थानों पर और किन शोहदों द्वारा आपत्तिजनक हरकतें की जा रही हैं? उन्होंने कहा कि ऐसे चिह्नित शोहदों के विरुद्घ विधि के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की जाए. यह सुनिश्चित किया जाये कि कार्यवाही करते समय बाल कटवा देने, कालिख पुतवा देने, मुर्गा बना देने जैसी कार्यवाही न की जाये जिसका कोई विधिक आधार नहीं है. अगर कोई व्यक्ति बार-बार लड़कियों से छेड़छाड़ जैसी हरकतें करता है, तो उसको सामाजिक रूप से लज्जित करने के लिए कार्यवाही करने पर विचार किया जा सकता है.
अहमद ने स्पष्ट किया कि ‘एंटी रोमियो स्क्वायड’ केवल ऐसे व्यक्तियों के विरुद्घ कार्य करेगा, जो राह चलते बालिकाओं और महिलाओं को किसी भी प्रकार से परेशान करते हैं. यह किसी भी दशा में ऐसे जोड़ों या व्यक्तियों के विरुद्घ कार्यवाही नहीं करेगा, जो सामाजिक परंपराओं के दायरे में रहते हुए आपस में पार्क, मॉल, काफी हाउस, सिनेमाघर आदि में मिल-जुल रहे हों.

अहमद ने कहा कि पशु तस्करी, गोवध के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ की नीति अपनायी जाये और किसी भी दशा में ऐसे कार्यों में लिप्त व्यक्तियों को अपने मंसूबों में सफल न होने दिया जाए. उन्होंने आला अधिकारियों को ये निर्देश भी दिये हैं कि पुलिसकर्मियों का अनुशासन व टर्नआउट अच्छा रखा जाए. ‘‘प्राय: यह देखा जा रहा है कि कतिपय कारणों से कुछ समय से अनुशासन के ऊपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ड्यूटी पर कार्यरत पुलिसकर्मी सही वर्दी नहीं पहन रहे हैं, वर्दी साफ-सुथरी नहीं है, टोपी सिर पर नहीं है एवं जूते निर्धारित शैली के नहीं हैं.’’ अहमद ने कहा, ‘‘डयूटी पर कार्यरत कर्मी चौराहों पर अखबार पढ़ते हुये, बातचीत करते हुये या मोबाइल फोन पर वार्ता करते हुये दिख जाते हैं और उन्हें किसी भी स्तर से न तो टोका जाता है और न सही प्रकार से ड्यूटी देने अथवा वर्दी धारण करने के लिये निर्देश दिये जाते हैं. ड्यूटी के समय सही वर्दी धारण करते हुये सतर्क रहना एवं अपने ड्यूटी स्थान पर एवं आस-पास की गतिविधियों पर पैनी नजर रखना ड्यूटी का हिस्सा है.’’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक पुलिसकर्मी को एवं पीएसी के कर्मचारियों को इस सम्बन्ध में हर स्तर पर बैठक करके निर्देश दे दिये जाएं जिससे सैकड़ों की संख्या में तैनात पुलिस कर्मी मात्र भौतिक रूप से उपस्थित ही न रहें बल्कि मानसिक रूप से अपनी ड्यूटी के स्थान पर सतर्कता के साथ मौजूद रहें और अपने उत्तरदायित्वों का सही निर्वहन कर सकें.

Back to top button