यूपी: प्रदेश में 29 मई से बिजली कर्मियों की हड़ताल, निपटा लें ये चार काम नहीं तो होंगे परेशान

आपकी बिजली कनेक्शन लेने की इच्छा है। कनेक्शन का बिल बकाया है, मगर उसको जमा नहीं कर रहे हैं। ये बिजली संबंधी आपके जो भी काम हों, यह सब आप 29 मई से पहले निपटा लें, नहीं तो अटक सकते हैं। दरअसल, दो कंपनियों पूर्वांचल व दक्षिणांचल की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की चल रही कार्रवाई के विरोध में लखनऊ समेत प्रदेशभर में कर्मचारी और अभियंता 29 मई से कार्यालय तो आएंगे, मगर उपभोक्ता का काम नहीं करेंगे।
इनकी ओर से बेमियादी कार्य बहिष्कार शुरु करने का नोटिस जारी किया गया है, जिससे बिजली महकमे में हड़कंप मचा है। इससे राजधानी के 14 लाख उपभोक्ताओं की बिजली व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। उपकेंद्र, उपखंड, खंड के कर्मचारी एवं अभियंता काम करना बंद कर देंगे तो हड़ताल (कार्य बहिष्कार) होने तक न तो बिजली कनेक्शन पाएंगे और न ही कटी बिजली चालू हो सकेगी।
चार कामों का होगा बहिष्कार
जेई संगठन ट्रांस एवं सिस गोमती इकाई के अध्यक्ष क्रमश: चंदशेखर व अरविंद कुमार और विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के केंद्रीय अध्यक्ष वीके सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि बेमियादी कार्य बहिष्कार आंदोलन के दौरान नियमित कर्मचारी, अभियंता प्रमुख रूप से चार कामों का बहिष्कार करेंगे। यह चार काम उपभोक्ता एवं विभाग की लिहाजा से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
बाकी बिल पर नहीं कटेंगे कनेक्शन : 29 मई से उपकेंद्र के कर्मचारी व अभियंता बाकी बिल पर उपभोक्ता का कनेक्शन काटना बंद कर देंगे। कनेक्शन नहीं कटेंगे तो आय ठप हो जाएगी।
उपभोक्ता के नहीं जमा करेंगे बिल : पावर कॉर्पोरेशन ने जिन कर्मियों की ड्यूटी कैश कलेक्शन सेंटर पर बिल जमा करने की लगाई है, वह बहिष्कार करेंगे। इससे उपभोक्ता के बिल जमा नहीं करेंगे।
आवेदकों को नहीं मिल सकेंगे कनेक्शन : पावर कॉर्पोरेशन के झटपट पोर्टल पर आवेदन होने वाले बिजली कनेक्शन की कोई सुनवाई नहीं होगी। जब तक जेई की रिपोर्ट नहीं लगेगी, तब तक नए कनेक्शन नहीं मिल सकेंगे।
गलत बिल का नहीं होगा संशोधन : बिलिंग एजेंसी की ओर से जिन उपभोक्ताओं के गलत रीडिंग के बिल बना दिए जाते हैं, उनको कर्मियों की मीटर की जांच के बाद संशोधित किया जाता है। बहिष्कार से यह काम भी नहीं होगा।
बिजली चालू रखेंगे
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से निजीकरण की लड़ाई में आमजन से भी सहयोग का आह्वान किया गया है। इसीलिए बेमियादी कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली आपूर्ति में आने वाले ब्रेकडाउन का निराकरण करेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को इस गर्मी में परेशानी न हो। उधर, समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का मानना है कि निजीकरण से पूंजीपतियों के हाथ में बिजली व्यवस्था पहुंच जाएंगी। इससे पूंजीपति बिजली को मनमाने तरीके से महंगा करके बेचेंगे।