यूपी पंचायत चुनाव: आरक्षण से पहले तय करना होगा आधार वर्ष, कैबिनेट में भेजा जाएगा प्रस्ताव

यूपी पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल और मई में होने हैं। इन पंचायत चुनाव में आरक्षण का आधार क्या होगा इसे तय करने के लिए पहले आरक्षण का आधार वर्ष तय करना होगा।

आने वाले चुनाव में हमारी ग्राम पंचायत, क्षेत्र या जिला पंचायत किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी? हर ग्रामीण के मन में इसे जानने की प्रबल इच्छा है। लेकिन, यह तय होगा आरक्षण के लिए निर्धारित किए जाने वाले आधार वर्ष से। माना जा रहा है कि इसके लिए इस माह के अंत तक पंचायतीराज विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव लेकर जाएगा।

इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आधार वर्ष में जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित थी, वर्ष 2026 में होने वाले चुनाव में वो सीट यथासंभव उस वर्ग को नहीं मिलेगी। वर्ष 2021 के त्रिस्तरीय चुनाव में 2015 को आधार वर्ष माना गया था। यानी, 2015 में जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित थी वह 2021 में उस वर्ग के लोगों को उस सीट पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला।

जानकारों का कहना है कि वर्ष 2026 के पंचायत चुनाव के लिए आधार वर्ष 2021 का चुनाव माना जाए या 2015 का चुनाव या फिर उससे पहले का कोई वर्ष, इसका निर्धारण होना शेष है। इसके बाद ही आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। हालांकि, वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर एससी-एसटी के आरक्षण का प्रतिशत तय किया जा रहा है, इसलिए माना जा रहा है कि आधार वर्ष 2015 या 2021 में से ही कोई एक होगा।

ये है आरक्षण का रोटेशन
अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियां, अनुसूचित जनजातियां, अनुसूचित जातियों की स्त्रियां, अनुसूचित जातियां, पिछड़े वर्ग की स्त्रियां, पिछड़ा वर्ग और स्त्रियां। प्रदेश में पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं। बता दें, प्रदेश में 75 जिला पंचायत, 826 क्षेत्र पंचायत और 57691 ग्राम पंचायतें हैं।

यह होगी आरक्षण तय करने की प्रक्रिया
मान लीजिए किसी ब्लॉक में अनुसूचित जाति के लिए ग्राम प्रधान के पद आरक्षित किए जाने हैं, तो अनुसूचित जाति की आबादी के प्रतिशत के आधार पर उस ब्लॉक के ग्रामों को अवरोही (ज्यादा से कम आबादी) क्रम में रखा जाएगा। पद का आवंटन उन ग्राम पंचायतों में कर दिया जाएगा, जो आधार वर्ष में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं रही होंगी।

किस वर्ग के लिए कुल कितने पद
विभिन्न वर्गों की आबादी के प्रतिशत के आधार पर सीटों का निर्धारण होता है। जानकारों के मुताबिक, राज्य में ग्राम प्रधानों के करीब 300 पद अनुसूचित जनजाति, 12000 पद अनुसूचित जाति और करीब 15500 पद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे। इसी तरह से जिला पंचायत अध्यक्ष के 16 पद एससी और 20 पद ओबीसी को मिलेंगे। क्षेत्र पंचायत प्रमुख में एसटी के लिए 5 पद, एससी के लिए 171 पद और ओबीसी के लिए 223 पद मिलेंगे। कुल पदों के 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे।

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