यूपी: चौथी राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू, जो करने आ रहीं बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन

बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आ रही हैं। वो चौथी राष्ट्रपति होंगी, जो बांकेबिहारी जी के दर्शन करेंगी।
श्रीकृष्ण की लीला स्थली की रज का हर कोई दिवाना है। यहां एक ओर आनंद बरसता है तो दूसरी ओर आध्यात्म की बयार बहती है। हर कोई यहां कुछ पल रुकना चाहता है। बांकेबिहारी की झलक पाने को हर कोई आतुर रहता है। ऐसे में देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति भी इस इच्छा से अछूते नहीं है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चौथी राष्ट्रपति हैं जो श्री बांकेबिहारी जी के दर्शन करेंगी।
विदित हो कि 25 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा प्रस्तावित है। वे श्रीबांकेबिहारी के दर्शन करेंगी। वहीं निधिवन और सुदामा कुटी आश्रम भी जाएंगी। राष्ट्रपति यहां भजनस्थली का लोकार्पण करेंगी। श्रीबांकेबिहारी मंदिर के दर्शन करने करने वाली वे देश की चौथी राष्ट्रपति होंगी। इससे पूर्व 1957 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने श्रीबांकेबिहारी के दर्शन किए। 2014 में प्रणव मुखर्जी ने श्रीबांकेबिहारी के दर्शन के लिए आए।
इसके बाद तीसरे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर के दर्शन किए। वहीं अब 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां दर्शन करने के लिए आएंगी। हालांकि राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी वृंदावन आए थे, लेकिन वह श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने नहीं पहुंचे थे। इतिहासकार प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी का कहना है कि ब्रज की रज में जादू है, वह हर किसी को खींच लाती है।