यूपी के बेरोजगारों को एक और तोहफा, मोदी सरकार ने जारी किए 900 करोड़


हालांकि केंद्रांश व पिछले साल की बची रकम (ओपनिंग बैलेंस) को शामिल कर मनरेगा में 4,249.62 करोड़ रुपये खर्च हुए। चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्र ने 18 करोड़ मानव दिवस के श्रम बजट को मंजूरी दी है।
इसके लिए तैयार कार्ययोजना के हिसाब से काम होने पर केंद्र को 5,250 करोड़ रुपये देने होंगे। यह पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा 900 करोड़ रुपये अधिक होगा।
2016-17–4249.62
2015-16–2976.11
2014-15–3135.10
2013-14–3446.17
महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी पार
मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की पहल का अच्छा असर सामने आया है। मनरेगा के अंतर्गत 2016-17 पहला वित्तीय वर्ष है, जिसमें 33 फीसदी से अधिक महिलाओं की भागीदारी रही। इसके पूर्व कभी भी महिलाओं की भागीदारी 30 फीसदी नहीं थी। दूसरी ओर अनुसूचित जाति व जनजाति की मनरेगा में हिस्सेदारी घटी है।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
वित्तीय वर्ष — प्रतिशत
2016-17–33.22
2015-16 — 29.52
2014-15 — 24.77
2013-14–22.17
एससी-एसटी की हिस्सेदारी घटी (प्रतिशत में)
वित्तीय वर्ष–एससी–एसटी
2016-17–32.02–0.94
2015-16–34.79–1.09
2014-15–34.69–0.82
2013-14–35.08–1.03
वित्तीय वर्ष–100 दिन रोजगार वाले परिवार
2016-17–40,957
2015-16–1,85,779
2014-15–1,09,772
2013-14–1,60,402
काम न करने वाली पंचायतों की संख्या घटी
ऐसी भी ग्राम पंचायतें हैं, जो विभिन्न कारणों से मनरेगा का काम नहीं कर रही हैं। इस बार ऐसी ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर न्यूनतम स्तर पर आई है।
2014-15 से 2016-17 के बीच मनरेगा से काम न करने वाली पंचायतों की संख्या क्रमश: 7699, 10024, 7235 व 1191 रही।