यूएन महासचिव: जी20 देश अपनी ताकत का इस्तेमाल, दुनिया की परेशानियों को कम करने में करें

गुटेरेस ने कहा कि विकासशील देश, खासकर अफ्रीकी देशों में सिकुड़ता राजकोष, भारी कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं और वैश्विक वित्तीय व्यवस्था इन देशों को ठीक से प्रतिनिधित्व करने से चूक रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘आज वैश्विक संस्थानों में अफ्रीकी देशों का बहुत कम प्रतिनिधित्व है। इसे बदलना होगा।’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि जी20 देशों में दुनिया की मुश्किलों को कम करने और दुनिया को ज्यादा शांतिपूर्ण रास्ते पर लाने की क्षमता है। उन्होंने जी20 देशों के समूह से अपनी ताकत का इस्तेमाल गरीब और विकासशील देशों की परेशानियों को कम करने में इस्तेमाल करने की अपील की। गुटेरेस ने यह बात शुक्रवार को जोहान्सबर्ग पहुंचने के बाद एक मीडिया बातचीत में कही। गुटेरेस जोहान्सबर्ग में हो रहे जी20 सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

‘बढ़ता सैन्य खर्च विकास संसाधनों को खींच रहा’

गुटेरेस ने कहा, ‘अगले दो दिनों में जी20 नेताओं के लिए मेरा संदेश आसान है। अब लीडरशिप और विजन का समय है। उन्होंने दुनिया भर में जारी संघर्षों, जलवायु की गड़बड़ी, आर्थिक अनिश्चितता, असमानता और वैश्विक मदद में कमी का जिक्र किया। उन्होंने आगे कहा कि बढ़ता सैन्य खर्च विकास संसाधनों को खींच रहा है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते, G20 देश मुश्किलों को कम करने, यह पक्का करने में बहुत बड़ा असर डाल सकते हैं कि आर्थिक विकास सबका हो। जो हमारी दुनिया को भविष्य के लिए एक बेहतर, ज़्यादा शांतिपूर्ण रास्ते पर ले जा सके।’

‘अफ्रीका को हर वैश्विक मंच पर जगह मिलनी चाहिए, जहां फैसले लिए जाते हैं’

गुटेरेस ने कहा कि ‘अफ्रीका को हर उस फोरम में सही जगह मिलनी चाहिए जहां फैसले लिए जाते हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के बोर्ड से लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट और दूसरी वैश्विक निकायों तक भी पहुंच होनी चाहिए।’ गुटेरेस ने सुझाव दिया, ‘G20 इस ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने और ऐसे सुधार लाने में मदद कर सकता है जो विकासशील देशों और खासकर अफ्रीका को वैश्विक नीति बनाने में आवाज़ दें, और आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक प्रशासन को ज्यादा समावेशी, समान और असरदार बनाएं।’ गुटेरेस ने कहा कि वह जी20 सदस्यों से ये भी कहेंगे कि वे सूडान, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, माली, यूक्रेन, गाजा, हैती, यमन और म्यांमार समेत दुनिया भर में मौत, तबाही और अस्थिरता पैदा करने वाले झगड़ों को खत्म करने के लिए अपने असर और आवाज का इस्तेमाल करें।

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