यह मौत की धुंध, जहरीली हवा…हर मिनट देश में ले रहीं है इतने लोगो की जान

राजधानी फिर से धुंध से बेहाल है. लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है.

दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है.

दिल्ली पहले से ही दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहरो में शामिल रही है.

 दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है.

पिछले एक साल में प्रदूषण से मरने वालों की तादाद हैरान करने वाली है. देश में इस कारण हर मिनट तकरीबन 5 मौतें हुई हैं. तो मौत का कोहरा कितना घना है, ये समझना ज्‍यादा मुश्किल नहीं है. 

 दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है.

दिल्ली की हवा में जहर इस कदर घुला है कि मेडिकल इमरजेंसी वाले हालात हैं. बीमारों में से 60 फीसदी सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं.

देश में 20 फीसदी मौतों के पीछे प्रदूषण है. 32 फीसदी बच्चे सांस की बीमारी की चपेट में हैं. 

दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 6 गुना तक बढ़ गया है. इस प्रदूषण का बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने को माना जा रहा है. धुंए और ठंड के कारण बढ़ी नमी से राजधानी ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गई है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी है.

 
दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है. दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रसित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित होने का खतरा सबसे अधिक है. 
 

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