यहां है 112 साल पुराना खुफिया तहखाना, टिकट काउंटरों के जमा पैसे रखे जाते थे

  • ​मुंबई.कुछ सप्ताह पहले CST मुख्यालय पर सेंट्रल रेलवे ने हैरीटेज वीक मनाया। इस दौरान रेलवे अधिकारियों ने 112 साल पुरानी मध्य रेलवे मोनूमेंट और बिल्डिंग का महत्व बताया। इस दौरान उन्होंने सीएसटी स्टेशन के नीचे बने खुफिया कमरे कैशवाल्ट बारे में भी जानकारी दी। बता दें मुंबई के सीएसटी स्टेशन के ठीक नीचे बने इस खुफिया कैशवॉल्ट का इस्तेमाल पहले के जमाने में किया जाता था। आपको इस जगह से जुड़ी दिलचस्प बातें बता रहा है।
    यहां है 112 साल पुराना खुफिया तहखाना, टिकट काउंटरों के जमा पैसे रखे जाते थे
    1890 में बनाया था, अब इसका उपयोग नहीं..
    – इस जगह को UNESCO ने वर्ल्ड हैरिटेज प्लेस की मान्यता दी है। इसका उपयोग ग्रेट इंडियन पेनीसुएला रेलवे (GIPR) द्वारा किया जाता था। स्टेशन के टिकट काउंटरों के जमा हुए पैसे पहले इसी कैशवॉल्ट में रखे जाते थे। इसी के बाद उसे अन्य बैंकों को भेजा जाता था।
    – यह कैशवाल्ट 1890 में बनाया गया था लेकिन पिछले 15 सालों से इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। हलांकि इस की देखरेख अब रेलवे कर रहा है।

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    – एक अधिकारी के मुताबिक करीब 15 साल पहले बुकिंग कार्यालयों और रिजर्वेशन सेंटर से मिली धनराशि को आरबीआई ने लेने से मना कर दिया तो इसको सीधे नजदीक के बैंको में जमा कर दिया गया। तब से इस मजबूत कमरे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
     
    1,000 किलो वजन वाला लोहा का दरवाज़ा है
    – इसके मैन गेट पर ग्रील्ड आयरन सील्ड है। तहखाने में 1,000 किलो वजन वाला एक लोहे का दरवाज़ा है, जिसकी दो चाबियाँ हैं। इन्हें एक तांबे की अंगूठी में सेट करके खोला जा सकता है।
     
    – लॉक्स को इस तरह डिजाइन किया गया है कि अजनबी आसानी से ढूंढ नहीं सकते। इसमें एक दूसरा दरवाजा है जिसमें ताला और चाबी सिस्टम का अलग सेट है। यह 23 स्टेप्स में खुलता है। इसकी डिजाइन आड़ी- तिरछी बनी हुई है। जो इस कमरे के अंदर जाने में मदद करता है।
     
    – कमरे के अंदर वाले हिस्से के राइट साइड में एक लिफ्ट बनी है जो 4X4 फीट ऊँची है। 1967 में लिफ्ट को चलाने के लिए रस्सी का उपयोग किया जाता था। जिसके लिए दो लोग रखे जाते थे। बाद में इसको इलेक्ट्रिसिटी से कनेक्ट कर दिया।
     
    – फिलहाल अब इस लिफ्ट का उपयोग बंद कर दिया गया है। रेलवे का अधिकारियों का कहना है कि इस जगह की हर चीज को सुरक्षित रखा गया है जो अभी भी चालू हैं। इसमें पाइप का कनेक्शन है जो कटेनर से कनेक्टेड है। सिक्कों का लेन देन तब इन कंटेनरों के सहारे किया जाता था। जिसे बैंकों में जमा किया जाता था। अब यह जगह पूरी तरह खाली रखी गई है।
     
    – इसमें एक बॉक्स भी मिला है जो रेलवे के नकद लेनदेन या डॉक्यूमेंटो से भरे हैं। इस खजाने के रिकॉर्ड को अभी खोला नहीं गया है। यह आज भी मॉडल के रूप में संभाल कर रखा है। इस जगह के बारे में सीआर अधिकारियों के बीच भी एक जिज्ञासा बनी हुई है, यह बेस्ट इंजीनियरिंग वर्क है जिसे ब्रिटेन में डेवलप किया गया था
     
     
     

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