मोर पंख लगाकर महाकाल ने खोला तीसरा नेत्र, भस्म आरती में भक्तों ने किए बाबा के दिव्य दर्शन
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उज्जैन: मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने बताया कि भगवान महाकाल को पंचामृत स्नान करवाकर आकर्षक स्वरूप में सजाया गया, जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म रमाई गई और कपूर आरती की गई। इस अवसर पर मुंबई से आए भक्त जिगर धर्मेंद्र मेहता ने महाकाल को 1039 ग्राम वजनी रजत छत्र भेंट किया, जिसे मंदिर प्रबंधन द्वारा विधिवत स्वीकार कर सम्मान पत्र प्रदान किया गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में आज कालो के काल बाबा महाकाल भस्म आरती के दौरान मोर पंख और त्रिनेत्र लगाकर श्रंगारित हुए। श्री महाकालेश्वर मंदिर मे आज सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को रुद्राक्ष की माला अर्पित की गई। इस शृंगार के बाद फिर उन्होंने भस्म रमाई। उसके बाद भक्तों ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया और प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।
पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का पूजन सामग्री से आकर्षक स्वरूप मे श्रृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर इस शृंगार के दर्शन किए और जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे। जिसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा के भक्त द्वारा रजत छत्र भेट में प्राप्त
श्री महाकालेश्वर मंदिर में मुम्बई के मुलुंड से पधारे भक्त जिगर धर्मेन्द्र मेहता द्वारा पं.श्रेयस चतुर्वेदी की प्रेरणा से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को से एक नग रजत छत्र भेंट किया गया। जिसका कुल वजन लगभग 1039.00 ग्राम है। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया और विधिवत रसीद प्रदान की गईं।