मोदी सरकार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा से नहीं करेगी कोई समझौता

सरकार ने बुधवार को कहा कि भारतीय परमाणु कार्यक्रम के तहत परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच साल में परमाणु कार्यक्रम को बल मिला है. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि भारतीय परमाणु कार्यक्रम के तहत परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

उन्होंने परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पर संतोख सिंह अहलावत के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमारे लिए ‘सुरक्षा पहले, उत्पादन बाद में’ है. देश में परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर कोई संदेह नहीं है. परमाणु ऊर्जा मंत्रालय से संबंधित प्रश्न के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित थे.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश में परमाणु ऊर्जा आने वाले समय में बिजली का मुख्य स्रोत होगी. देश में अनेक क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्णय किया है कि देश में अगले कुछ साल तक हर वर्ष एक परमाणु संयंत्र स्थापित किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 4-5 साल में कई ऐसे निर्णय लिये हैं जिससे देश में परमाणु कार्यक्रम को बल मिला है. सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में आर्थिक मजबूती के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का रास्ता भी खोला जा रहा है. उन्होंने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में थोरियम के प्रचुर भंडार हैं और भविष्य में परमाणु ऊर्जा उत्पादन में थोरियम के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा.

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