मोदी सरकार ने मानी दिल्ली आए किसानों की ये 5 मांगें

किसानों-मजदूरों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दिल्ली पैदल मार्च कर आए भारतीय किसान संगठन की 15 में से 5 मांगें मोदी सरकार ने मान लिया है, जिसके बाद किसानों ने अपने आंदोलन को खत्म कर दिया है. दिल्ली आए किसान के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने कृषि भवन में जाकर कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बातें रखी. इसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया.
बता दें कि किसान मार्च के चलते दिल्ली के कई मार्गों पर भारी जाम है. दिल्ली केआईटीओ से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग को किसान रैली के कारण दोनों तरफ से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर के यूपी गेट से निजामुद्दीन आने वाले मार्ग पर यातायात बाधित है. ऐसे में जो वाहन चालक दिल्ली से गाज़ियाबाद जाना चाहते है वो रिंग रोड, विकास मार्ग, कड़कड़ी मोड़ और आनंद विहार से होकर जा सकते है.
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Delhi: Heavy traffic at Ghazipur flyover near Delhi-UP border, due to Uttar Pradesh farmers' protest march. The farmers are protesting over payment of sugarcane crop dues & demanding full loan waiver, among other things. pic.twitter.com/oCMuVJwu7b
— ANI (@ANI) September 21, 2019
किसान संगठनों की प्रमुख मांगें
1. भारत के सभी किसानों के कर्जे पूरी तरह माफ हों.
2. किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त मिले.
3. किसान व मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य मुफ्त
4. किसान-मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपये महीना पेंशन मिले.
5. फसलों के दाम किसान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में तय किए जाएं.
6. खेती कर रहे किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए.
7. किसान के साथ-साथ परिवार को दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिले.
8. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एम्स की स्थापना हो.
9. आवारा गोवंश पर प्रति गोवंश गोपालक को 300 रुपये प्रतिदिन मिलें.
10. किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान ब्याज समेत जल्द किया जाए.
11. समस्त दूषित नदियों को प्रदूषण मुक्त कराया जाए.
12. भारत में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो.