मोदी सरकार को चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, मिली यह बड़ी मंजूरी

चुनावी मौसम में केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है. चुनाव आयोग की तरफ से मनरेगा मजदूरी की दरों बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है, हालांकि इसमें शर्त लगाई गई है कि इनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के खिलाफ याचिका को भी रद्द कर दिया गया है.

दरअसल, मनरेगा योजना के तहत मजदूरी को दरों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था. जिसपर चुनाव आयोग से राहत की खबर आई है. इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है, बस इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जाएगा. यानी सत्ताधारी दल भाजपा प्रचार में ये कहकर वोट नहीं मांग सकता है कि उन्होंने मजदूरी की दरों को बढ़ाया है.

अब एक अप्रैल से मनरेगा योजना के तहत मजदूरी को संशोधित किया जा सकेगा. दरसअल, आचार संहिता लागू होने के चलते मंत्रालय ने आयोग से मनरेगा योजना के तहत मजदूरी को संशोधित करने की मांग की थी.  

इस साल सरकार ने अंतरिम बजट में साल 2019-20 के लिए मनरेगा के तहत ग्रामीण रोजगार योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव दिया था. साल 2018-19 में 55,000 करोड़ रुपये की तुलना में इस अवधि के लिए आवंटित राशि 11 प्रतिशत अधिक है.

सुप्रीम कोर्ट से भी राहत

दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें अपील की गई थी कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना पर रोक लगा दी जाए. हालांकि, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस याचिका को तुरंत खारिज कर दिया. बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को 6000 रुपये सालाना तीन किस्तों में मिलने हैं, पहली किस्त के तहत पैसे आ गए हैं जबकि दूसरी किस्त अप्रैल तक आ सकती है.

गौरतलब है कि हाल ही में चुनाव आयोग ने इससे पहले पीएम मोदी पर बन रही फिल्म, मैं भी चौकीदार के नारे कोलेकर सरकार को नोटिस जारी किया था.

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