मोक्षदा एकादशी के दिन जरूर करें इस कथा का पाठ

सनातन शास्त्रों में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व बताया गया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन कथा का पाठ करने से साधक को शुभ फल मिलता है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। आइए पढ़ते हैं मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा।

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, चंपकनगर नाम के राज्य में वैखानस नामक राजा राज्य करता था। इस राज्य में चारों वेदों के ज्ञाता ब्राह्मण रहते थे। एक बार राजा को बुरा सपना आया। उसने देखा कि उसके पूर्वज नरक में पड़े हैं। इस सपने को देख राजा बेहद दुखी हुआ। इस सपने के बारे में राजा ने ब्राह्मणों को बताया। राजा ने ब्राह्मणों से कहा कि सपने में पूर्वज नरक में निकालने की गुहार लगा रहे थे। राजा ने कहा कि इस सपने को देख मुझे बेहद दुख हो रहा है। जब से इस सपने को देखा है तब से मैं बहुत ही बैचेन हूं।

राजा ने ऋषि को बताया सपना
उन्होंने कहा कि ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए? ब्राह्मणों ने बताया कि यहीं पास में पर्वत ऋषि का आश्रम है। वहां भविष्य, वर्तमान के ज्ञाता हैं। आपकी समस्या का समाधान ऋषि जरूर करेंगे। ब्राह्मणों की आज्ञा का पालन कर राजा ऋषि मुनि के आश्रम में पहुंचा। उसने ऋषि को सपने के बारे में बताया।

ऋषि ने राजा को दी ये सलाह
राजा ने कहा कि मेरे पूर्वज नरक भोग रहे हैं। ऐसे में मैं बहुत असहाय महसूस कर रहा हूं। उनको मैं नरक से कैसे निकालूं। ऋषि ने राजा को मार्गशीर्ष माह के शुक्‍ल पक्ष एकादशी तिथि का व्रत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस व्रत को करने से पितर नरक से मुक्त हो जाएंगे। इसके बाद राजा ने विधिपूर्वक व्रत मोक्षदा एकादशी व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से राजा का पूर्वज बुरे कर्मों से मुक्त हो गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button