मैं सचिन तेंदुलकर से 5000 रन आगे होता, ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज का हैरान कर देने वाला बयान

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर माइकल हसी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर उन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए जल्दी खेलने का मौका मिलता, तो वह सचिन तेंदुलकर से 5000 रन ज्यादा बना लेते। उन्होंने 28 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था और ‘द ग्रैड क्रिकेटर’ यूट्यूब चैनल पर यह बात कही, जिसे उन्होंने एक सपना बताया।

Michael Hussey Sachin Tendulkar: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बैटर माइकल हसी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर वह यंग एज से ही नेशनल टीम के लिए खेलते तो वह सचिन तेंदुलकर से 5000 रन ज्यादा बना लेते। हसी ने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत 28 साल की उम्र में की थी और उन्होंने अपने करियर में 12.398 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 49 का रहा।

हसन, जिन्होंने आईपीएल में सीएसके के लिए खेला, 2007 वनडे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी 2006 और 2009 की टीम का हिस्सा भी रहे। हाल ही की एक बातचीत में माइकल हसी ने इस बात पर विचार किया कि अगर उन्होंने जल्दी ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए खेलना शुरू किया होता तो उनका करियर कैसा होता।

Michael Hussey का बड़ा बयान

दरअसल, माइकल हसी (Michael Hussey) ने कहा कि अगर उन्हें पहले मौका मिलता, तो वो शायद सचिन तेंदुलकर से 5000 रन आगे होते। उन्होंने यह भी माना कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत देर से की, जिससे उनका रन स्कोर और लंबा हो सकता था।

उनके इस बयान ने क्रिकेट जगत और फैंस के बीच चर्चा छेड़ दी है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम में खेलने का मौका जल्दी मिलता, तो शायद वो सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से 5000 रन आगे होते।

हसी ने ‘द ग्रैड क्रिकेटर’ यूट्यूब चैनल पर कहा कि मैंने इस बारे में बहुत सोचा है। शायद मैं तेंदुलकर से 5000 रन आगे होता। सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक, सबसे ज्यादा जीत, सबसे ज्यादा एशेज जीत, और शायद सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप भी, लेकिन फिर सुबह उठता हूं और पता चलता है कि ये सब तो बस सपना था।

हसी ने यह भी कहा कि भले ही उन्हें देर से मौका मिला, लेकिन जब मौका मिला, तब उन्हें अपने खेल की समझ बहुत अच्छी थी, जो उनके लिए फायदे की बात रही। एक अन्य बातचीत में, जो अमेरिका के डैलस में NDTV के साथ हुई, सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के अपने अनुभव साझा करते हुए नई पीढ़ी को धैर्य रखने की सलाह दी।

उन्होंने श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का उदाहरण दिया, जिन्होंने अपनी ‘दूसरा’ गेंद को पूरी तरह तैयार करने में 18 महीने लगाए।

सचिन ने कहा था कि आज की पीढ़ी को सब कुछ फौरन चाहिए। लेकिन मेरी राय में, आप चीजों को या तो सही तरीके से कर सकते हैं या तुरंत पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुरलीधरन ने ‘दूसरा’ को नेट्स में खूब अभ्यास किया, लेकिन 18 महीनों तक उसे इंटरनेशनल मैच में इस्तेमाल नहीं किया, ताकि उनका मुख्य हथियार ऑफ स्पिन खराब न हो जाए।

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