मैं झुकूंगा नहीं, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ूंगा…’, पानी पर पंजाब की हरियाणा को दो टूक

पंजाब-हरियाणा के बीच भाखड़ा के पानी को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सोमवार को बुलाए गए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में छह प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बीबीएमबी सफेद हाथी है, इसे बंद करना देना चाहिए। भगवंत मान ने एक बार फिर कहा कि मैं किसी के सामने झुकूंगा नहीं। पंजाब के पानी की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लडूंगा।
हरियाणा के साथ जल विवाद के मुद्दे पर सोमवार को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पानी पर एक बार फिर अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया। कहा कि मैं किसी के सामने नहीं झुकूंगा। पंजाब के पानी की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ूंगा। एक बूंद भी अतिरिक्त पानी किसी को नहीं दूंगा। इधर, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, यदि पंजाब सरकार ने ओछी राजनीति नहीं छोड़ी तो जनता बेदखल कर देगी।
विशेष सत्र में छह अहम प्रस्तावों को सर्वसम्मति के साथ मंजूर किया गया। सरकार ने हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिए जाने के बीबीएमबी बोर्ड के 23 और 30 अप्रैल को हुई बैठक में लिए फैसलों को रद्द कर दिया। साथ ही केंद्र के डैम सेफ्टी एक्ट-2021 के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाकर सर्वसम्मति से रद्द कर केंद्र को भेज दिया गया।
मान ने कहा कि पंजाब के पुनर्गठन के दौरान 1966-67 में बीबीएमबी का गठन किया गया था, लेकिन आज ये एक सफेद हाथी बन चुका है। इसे बंद करना देना चाहिए। 1981 में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल और चंडीगढ़ के बीच पानी के बंटवारे को लेकर जो मानक तय किए गए थे, आज स्थिति उसके बिलकुल विपरित है। मान ने कहा कि नये सिरे से पानी के बंटवारे को लेकर संधि तैयार की जानी चाहिए। सीएम ने तर्क दिया कि बीबीएमबी के गठन के समय पानी की स्थिति कुछ और थी, आज राज्य के भाखड़ा, रणजीत सिंह और पौंग डैम तीनों में कुल मिलाकर 50 से 55 फीट पानी कम है। मान ने कहा कि रिपेरियन स्टेट के दर्जे में रावी, ब्यास और सतलुज से हरियाणा और राजस्थान का हिस्सा नहीं लगता, फिर भी इन राज्यों को पानी दिया जा रहा है।
अब 60 % से अधिक पानी का इस्तेमाल हो रहा
सीएम मान ने कहा कि पुरानी सरकारों के समय राज्य में केवल 21 प्रतिशत पानी का उपयोग किया जाता था। अब खेतों तक नहरी पानी पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर काम हो रहा है। 2022 के बाद से पंजाब ने अपने पानी का 60 से 66 प्रतिशत तक इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। मान ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पंजाब में पहले पानी के अपने तय कोटे में से वर्ष 2014-15 में 70 प्रतिशत, 2015-16 में 76 प्रतिशत, 2016-17 में 87 प्रतिशत इसी तरह 2021 में 69 प्रतिशत पानी का उपयोग किया। जबकि 2022 के बाद 2024 में 85 और 2025 में अब तक पहली बार पंजाब ने अपने पानी के कोटे में से 91 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल किया है।
सीएम बोले-हरियाणा को 6 बार रिमाइंडर भेजा
सीएम मान ने कहा कि हरियाणा में उपजे जल संकट का कारण वह खुद हैं। बीते 6 महीने में 6 बार पत्र लिखकर हरियाणा सरकार को पानी के इस्तेमाल को लेकर चेताया गया, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। पंजाब अब भी इंसानियत के नाते हरियाणा को पीने के लिए 4500 क्यूसेक पानी दे रहा है जबकि हरियाणा की आबादी के अनुसार 1700 क्यूसेक पानी बनता है। मान ने कहा कि पीने के लिए पानी की मांग में जो पंजाब को 4500 क्यूसेक डिमांड लेटर मिला था, उसमें 680 क्यूसेक पानी लॉस यानी घाटे के लिए दिखाया गया था, तब भी पंजाब ने पीने की अतिरिक्त मांग को पूरा किया है।
इन 6 प्रस्तावों को मंजूर किया गया
डैम सेफ्टी एक्ट-2021 को रद्द करने का प्रस्ताव पास किया गया।
बीबीएमबी की बैठक में हरियाणा को अतिरिक्त पानी दिए जाने के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पास।
हरियाणा को 4 हजार क्यूसेक पीने के लिए पानी देने के बाद 8500 क्यूसेक पानी की अतिरिक्त मांग के खिलाफ प्रस्ताव पास।
1981 में हुए जल समझौते के चलते पानी के बंटवारे के तय मानकों में बदलाव करने का प्रस्ताव पास।
बीबीएमबी बोर्ड द्वारा आपातकालीन बैठक के लिए बिना 7 दिन का नोटिस दिए बैठक बुलाने व फैसले लेने के खिलाफ प्रस्ताव पास।
बीजेपी द्वारा बीबीएमबी में बदलाव कर पंजाब के हितों को अनदेखा किए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया।
पंजाब का कदम अराजक, केंद्र को दी जाए बांध की सुरक्षाः बीबीएमबी
नंगल बांध से पंजाब पुलिस का कब्जा हटाने को लेकर बीबीएमबी ने सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। बोर्ड ने पंजाब सरकार के कदम को वैधानिक कार्यों में हस्तक्षेप बताते हुए कहा कि इससे अराजकता और कानूनहीनता को बढ़ावा मिलेगा। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। वहीं, फतेहाबाद जिले के मताना गांव की पंचायत ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। पंचायत ने हरियाणा के हिस्से का पानी तुरंत छोड़े जाने की मांग की है।
नंगल बांध और लोहंड नियंत्रण कक्ष जल विनियमन कार्यालयों पर पंजाब पुलिस की तैनाती के खिलाफ बीबीएमबी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि हमने हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी देने का निर्णय लिया है। अगर इससे किसी को आपत्ति है तो नियमों के तहत अपील का प्रावधान है। पंजाब सरकार के पास केंद्र सरकार के पास जाने का विकल्प मौजूद है, लेकिन पंजाब सरकार ने बांध पर पुलिस तैनात कर कब्जा कर लिया।
बीबीएमबी ने कहा कि जब पंजाब सरकार को पता चला कि बांध पर पुलिस तैनात करने के खिलाफ बोर्ड हाईकोर्ट पहुंच गया है तो उसने बोर्ड को ईमेल भेजा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव के चलते पुलिस फोर्स तैनात की गई है। बोर्ड ने कहा कि हमें सुरक्षा से आपत्ति नहीं, लेकिन इसकी आड़ में कामकाज प्रभावित होना ठीक नहीं। बांध पर सुरक्षा कारणों से लोगों के फोटो खींचने पर प्रतिबंध है, लेकिन पंजाब पुलिस के जवान वहां पर फोटो खींचने के साथ उसे इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। बोर्ड ने हाईकोर्ट से अपील की कि बिना किसी कानूनी अधिकार के तैनात पंजाब पुलिस को तुरंत हटाया जाए और सुरक्षा का जिम्मा केंद्र सरकार को सौंपा जाना चाहिए।
4000 क्यूसेक पर राजी, लेकिन 8500 क्यूसेक मंजूर नहीं : पंजाब
पंजाब सरकार ने कहा कि हरियाणा ने पानी का प्रबंधन ढंग से नहीं किया। उसे 1700 क्यूसेक की जरूरत है, हमने मानवता के आधार पर 4000 क्यूसेक दे दिया। 8500 क्यूसेक की मांग स्वीकार्य नहीं। बीबीएमबी क्षमता से अधिक पानी नहीं दे सकता। हरियाणा को पानी की जरूरत सिंचाई के लिए है। बोर्ड मनमाने ढंग से बार-बार बैठक बुला रहा है। इसके लिए 15 दिन का नोटिस जरूरी है, आपात स्थिति में 7 दिन का।
पश्चिमी यमुना नहर की मरम्मत तक पानी की जरूरत : हरियाणा
हरियाणा सरकार ने अदालत में कहा कि वर्तमान में हरियाणा में गंभीर जल संकट है। पश्चिमी यमुना नहर की मरम्मत का काम चल रहा है। इसलिए वहां से हरियाणा को पानी नहीं मिल पा रहा है। मरम्मत का काम पूरा होने के बाद हरियाणा को बीबीएमबी से पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। तब तक पंजाब से पानी चाहिए।
पड़ोसी राज्य के नेताओं की सोच छोटी हो गई : सैनी
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में पास किए गए प्रस्तावों की हरियाणा मंत्रिमंडल ने घोर निंदा की है। हरियाणा सरकार ने कहा कि पंजाब सरकार बिना शर्त हरियाणा को पानी छोड़े। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पड़ोसी राज्य के नेताओं की सोच छोटी हो गई है और वह पीने के पानी पर राजनीति कर रहे हैं। मान सरकार के पास सिर्फ डेढ़ साल का समय बचा है। यदि वे इसी तरह की ओछी राजनीति करते रहे तो पंजाब के लोग उन्हें भी दूसरे दलों की तरह सत्ता से बेदखल कर देंगे।