‘मैंने भारत-पाक के बीच सीजफायर कराया’, शेखी बघार रहे थे ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में छिड़ी संघर्ष को रोका था।

उन्होंने कहा कि इस टकराव में पांच विमान मार गिराए गए और यह संघर्ष “परमाणु युद्ध” में तब्दील हो सकता था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक समारोह में यह बात कही, जहां उन्होंने दावा किया कि उनकी वजह से कई देशों में युद्ध टल गए।

ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान, कांगो और रवांडा के बीच संभावित जंगें रोकीं। भारत-पाकिस्तान में पांच विमान मार गिराए गए थे, दोनों देश बार-बार एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे। मैंने दोनों को फोन किया और कहा, ‘सुनो, अब कोई व्यापार नहीं होगा। अगर तुमने ऐसा किया तो हालत अच्छी नहीं होगी।’ दोनों देश परमाणु ताकत वाले हैं और यह जंग कहीं और जा सकती थी। मैंने इसे रोका।”

पांच प्लेन गिराए जाने को लेकर ट्रंप ने किया दावा
पिछले हफ्ते भी ट्रंप ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच “पांच जेट विमान” मार गिराए गए। उन्होंने रिपब्लिकन सीनेटरों के लिए आयोजित एक डिनर में कहा, “यह टकराव और बिगड़ रहा था। ये दोनों गंभीर परमाणु देश हैं और एक-दूसरे पर हमले कर रहे थे।”

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने ईरान की परमाणु क्षमता को खत्म किया और कोसोवो-सर्बिया के बीच भी टकराव को रोका है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “क्या (पूर्व राष्ट्रपति जो) बाइडन ऐसा कर सकते थे? मुझे नहीं लगता। क्या उन्हें इन देशों के नाम भी पता हैं? मुझे नहीं लगता।”

अमेरिकी दूत ने यूएन में क्या कहा जिसपर भारत ने किया पलटवार
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक चर्चा के दौरान, अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने कहा कि पिछले तीन महीनों में अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान, इजरायल-ईरान और कांगो-रवांडा के बीच तनाव कम करने में मदद की। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने इन देशों को शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए प्रेरित किया।”

लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथनेनी हरीश ने उसी बैठक में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी।

हरीश ने कहा, “जो देश पड़ोस की भावना और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का उल्लंघन कर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी चाहिए।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button