मुलायम सिंह यादव, को लगा एक और झटका, सैफई महोत्सव रद्द

SP के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को एक और बड़ा झटका लगा है।

उनके ड्रीम प्रोजेक्ट को पहली बार बंद करना पड़ा है। मुलायम के गृह जनपद में आयोजित होने वाला सैफई महोत्सव इस बार रद हो गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब सैफई महोत्सव को रद करना पड़ा है। यह सब हुआ है समाजवादी पार्टी में मचे घमासान की वजह से। सैफई महोत्सव की जबसे शुरुआत हुई है तब से लेकर आज तक समाजवादी पार्टी चाहे सरकार में रही हो या फिर सत्ता से बाहर। सैफई महोत्सव का आयोजन हर साल बड़े ही भव्य तरीके से मनाया जाता रहा है। लेकिन, इस बार सरकार में होते हुए भी सैफई महोत्सव रद हो गया है। जब से यह आयोजन शुरु हुआ ऐसा दूसरी बार होगा जब इसे रद करना पड़ा हो।
मुलायम के गांव में आयोजित किया जाने वाला सैफई महोत्सव समाजवादी पार्टी के राजनीतिक और सामाजिक प्रभुत्व का प्रतीक था। इस महोत्सव के जरिए मुलायम की राजनीतिक पकड़ और उनकी हैसियत दिखती थी। देश में शायद ही कोई ऐसा नेता हो जिसके गांव में इस तरह का आयोजन किया जाता हो जहां देश के बड़े-बड़े उद्योगपति, राजनीतिज्ञ और सिने जगत के नायक और महानायक अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हों।
सैफई में होने वाले सांस्कृतिक महोत्सव मेें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर रणबीर सिंह, अर्जुन कपूर, अनिल कपूर, सैफ अली खान, शाहरुख,सलमान, अभिषेक बच्चन,रितिक रोशन और करीना कपूर, सोनम कपूर, परिणीति चोपड़ा,जैकलीन, सोनाक्षी, माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय कैटरीना कैफ जैसी तमाम अभिनेत्रियों और अभिनेताओं से शिरकत की है। इन अभिनेताओं को मुलायम सिंह यादव का आर्शीवाद मिलता रहा है। सैफई महोत्सव में नाच-गाने, साहित्यिक कविता पाठ की प्रस्तुति और लोक कलाकारों द्वारा कई तरह के कार्यक्रम पेश किए जाते हैं। लेकिन इस बार सैफईवासियों को ये रंगीन नजारें देखने को नहीं मिलेंगे।
सैफई महोत्सव क्यों रद किया है, इसको लेकर आयोजकों ने जो तर्क दिए हैं वह गले नहीं उतर रहा है। आयोजकों के अनुसार प्रदेश में चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने की संभावना को देखते हुए सैफई महोत्सव को इस बार रद्द किया गया है। जबकि अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है। आयोजक चाहते और मुलायम सिंह यादव के परिवार में एका होती तो इस कार्यक्रम की तिथि घोषित की जा सकती थी। लेकिन ऐसा न हो सका। हालांकि इसके पहले 2012 में भी सैफई महोत्सव रद्द किया गया था। उस समय भी पिछले विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
सैफई महोत्सव का आयोजन अमूमन हर साल 26 दिसंबर से 12 जनवरी के बीच होता रहा है। लेकिन, इस बीच इस साल सपा अंदरुनी कलह छिड़ी हुई है। पिछले साल आयोजित सैफई महोत्सव के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं पहुंचे थे। तब भी परिवार के बीच अंतर्कलह चल रही थी। उस समय अखिलेश यादव के दो युवा साथी सुनील यादव ‘साजन’ और आनंद भदौरिया को मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर पार्टी से निकल दिया गया था। उनके ऊपर पार्टी विरोधी काम करने का इल्ज़ाम लगाया गया था। हालांकि, बाद में वे कार्यक्रम में शरीक हुए थे। लेकिन इस बार तो साल बीतते-बीतते परिवार के बीच खाईं इतनी बढ़ गई कि इस आयोजन को ही रद करना पड़ा।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भतीजे और सैफई महोत्सव के संस्थापक रणवीर सिंह की स्मृति में 2003 में यूपी में सपा की सरकार बनने के बाद सैफई महोत्सव का नाम बदलकर रणवीर सिंह स्मृति सैफई महोत्सव कर दिया गया था। सैफई महोत्सव का आयोजन महोत्सव की स्थानीय कमेटी करती है। मेला कमेटी, स्थानीय नौजवान और अन्य लोग मिल-जुलकर काम करते हैं। इसका मकसद अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना, युवा कलाकारों को नया मंच देना और छोटे व्यापारियों को सुविधाएं देना है।महोत्सव में आने वाले खर्च को भी यही कमेटी उठाती है। हालांकि यह आरोप लगते रहे हैं कि पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार खासकर जब सपा सरकार में होती है तो सरकारी खजाने से इस पर धन लुटाया जाता है।
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