मुजफ्फरपुर रेप पीड़िता कांड: भाकपा माले ने स्वास्थ्य मंत्री से मांगा इस्तीफा

मुजफ्फरपुर की दलित नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म और फिर इलाज में लापरवाही से हुई मौत के मामले ने बिहार की राजनीति में उबाल ला दिया है। पूरे राज्य में इस हृदयविदारक घटना को लेकर जनाक्रोश लगातार तेज हो रहा है। शेखपुरा में भाकपा माले (भाकपा-माले) ने इस मामले को लेकर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से इस्तीफे की मांग की है।

सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
बुधवार को भाकपा माले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शेखपुरा समाहरणालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल की मांग की। कार्यकर्ताओं ने सरकार के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि दलित नाबालिग की मौत एक नहीं, बल्कि कई स्तरों की लापरवाही और व्यवस्था की विफलता का परिणाम है।

तीन किलोमीटर लंबा प्रतिरोध मार्च, नारों से गूंजा शहर
भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने स्टेशन रोड से दल्लू मोड़, खांडपर होते हुए समाहरणालय तक करीब तीन किलोमीटर लंबा प्रतिरोध मार्च निकाला। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘बेटी के हत्यारों को सजा दो’ और ‘लापरवाह स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दो’ जैसे नारों से पूरे शहर को गुंजा दिया। मार्च के जरिए कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ दुष्कर्म और मौत पर गुस्सा जताया, बल्कि सरकार द्वारा मामले में लीपापोती करने का भी आरोप लगाया।

स्वास्थ्य मंत्री पर लापरवाही का आरोप
भाकपा माले के जिला सचिव विजय कुमार विजय ने इस मौके पर कहा कि यह मामला सिर्फ अपराध का नहीं, बल्कि सरकार की असंवेदनशीलता और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है। उन्होंने बताया कि जब पीड़िता को गंभीर हालत में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच लाया गया, तो इलाज के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की गई। इसके बाद उसे पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार ने इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की है। कुछ पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों को निलंबित कर सरकार ने सिर्फ दिखावा किया है, जबकि असली दोषी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं।

इस्तीफे की मांग और आंदोलन की चेतावनी
जिला सचिव ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों की गिरफ्तारी और मंत्री के इस्तीफे जैसे मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस प्रदर्शन में भाकपा माले के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे और उन्होंने सरकार के खिलाफ संगठित होकर न्याय की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

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