मुंबई में बच्चों के लापता होने की खबरों पर मुंबई पुलिस सख्त

मुंबई में बच्चों के लापता होने को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही कथित अफवाहों पर मुंबई पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है।
पुलिस ने साफ किया है कि शहर में लापता बच्चों के मामलों को लेकर जो दावे वायरल हो रहे हैं, वे भ्रामक हैं। इसके साथ ही पुलिस ने भरोसा दिलाया कि हर एक नाबालिग के मामले में तय प्रक्रिया के तहत तुरंत और गंभीर कार्रवाई की जाती है।
मुंबई पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी बयान में कहा कि बच्चों के लापता होने से जुड़े हर मामले को वह पूरी संवेदनशीलता के साथ देखती है। सुप्रीम कोर्ट के बचपन बचाओ आंदोलन बनाम भारत संघ मामले में दिए गए निर्देशों के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के हर लापता बच्चे का मामला अनिवार्य रूप से अपहरण की धारा में दर्ज किया जाता है।
सोशल मीडिया पर फैल रहे दावों पर पुलिस की सफाई
पुलिस ने अपने पोस्ट में कहा, “सोशल मीडिया पर जो मैसेज फैलाए जा रहे हैं, वे वास्तविक तथ्यों को नहीं दर्शाते हैं। मुंबई पुलिस हर लापता बच्चे के मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्रवाई करती है।”
पुलिस के अनुसार, बीते पांच वर्षों में 98 प्रतिशत लापता नाबालिग बच्चों को उनके परिवारों से दोबारा मिलाया जा चुका है और चालू वर्ष में भी स्थिति अलग नहीं है।
पुलिस ने यह भी साफ किया कि किसी बच्चे की तलाश तब तक बंद नहीं की जाती, जब तक उसे ढूंढ नहीं लिया जाता। अधिकारियों के मुताबिक, हर मामले में लगातार फॉलोअप किया जाता है और टीमें जमीन पर सक्रिय रहती हैं।
पुलिस ने गिनाए अपने ठोस प्रयास
मुंबई पुलिस ने अपने बयान में एक हालिया सफलता का भी जिक्र किया। एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन की टीम ने वाराणसी से एक चार साल की बच्ची को सुरक्षित बरामद किया, जो पिछले छह महीने से मुंबई से लापता थी। इस कार्रवाई में कई इकाइयों ने मिलकर काम किया।
पुलिस के अनुसार, लापता बच्चों की तलाश के लिए क्राइम ब्रांच, स्थानीय पुलिस थाने और विशेष सेल्स की टीमें लगातार सक्रिय रहती हैं। तकनीकी संसाधनों के साथ-साथ जमीनी स्तर पर भी सघन तलाशी अभियान चलाए जाते हैं।





