मुंबई में निवेशक केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़, मनसे के पांच समर्थक गिरफ्तार

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पांच समर्थकों को निवेशक सुशील केडिया के वर्ली स्थित कार्यालय पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह हमला केडिया द्वारा इंटरनेट मीडिया पर मराठी न सीखने संबंधी पोस्ट के बाद किया गया। उन्होंने राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि वह मराठी नहीं सीखेंगे। इस हमले के बाबत पांच मनसे समर्थकों को हिरासत में लिया गया है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पांच समर्थकों को निवेशक सुशील केडिया के वर्ली स्थित कार्यालय पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह हमला केडिया द्वारा इंटरनेट मीडिया पर मराठी न सीखने संबंधी पोस्ट के बाद किया गया।
राज ठाकरे को दी थी चुनौती
उन्होंने राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि वह मराठी नहीं सीखेंगे। मनसे समर्थकों ने ठाकरे और मराठी के समर्थन में नारे लगाते हुए शनिवार सुबह केडिया के कार्यालय के कांच के दरवाजे पर नारियल फेंके।
घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। इस वीडियो में वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों को मनसे समर्थकों को रोकते हुए देखा जा सकता है। वहीं कार्यालय के कर्मचारी फेंके जाने वाले नारियल से बचने के लिए शटर गिराने का प्रयास कर रहे थे।
मनसे के पांच समर्थक हिरासत में
वर्ली पुलिस थाने के एक अधिकारी के अनुसार, इस हमले के बाबत पांच मनसे समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। इस मामले की जांच जारी है।
केडिया ने एक्स पर लिखा था कि मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मुझे मराठी अच्छी तरह से नहीं आती। आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोग मराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करते रहेंगे मैं मराठी नहीं सीखूंगा। इसके बाद पुलिस ने सेंचुरी बाजार स्थित केडिया के कार्यालय को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की थी।
संविधान विरोधी तरीकों का इस्तेमाल करती है मनसे- आठवले
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने केडिया के वर्ली स्थित कार्यालय पर हमला करने की घटना को लेकर मनसे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मनसे मराठी का समर्थन करती है, लेकिन संविधान विरोधी तरीकों का इस्तेमाल करती है।
हिंदी के मुद्दे पर भाजपा के साथ- आठवले
उन्होंने कहा कि मनसे का रुख यह है कि यदि आप मराठी नहीं बोलेंगे तो आपको थप्पड़ मारा जाएगा। यह असंवैधानिक है। मराठी के नाम पर धमकाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मराठी के मुद्दे पर हम मनसे के साथ हैं, लेकिन हिंदी के मुद्दे पर भाजपा के साथ हैं।