मुंबई को आखिरी गेंद पर रौंदने के बाद Shubman Gill ने बताया अपना मास्टर प्लान

गुजरात टाइटंस ने मुंबई इंडियंस को आखिरी गेंद पर 3 विकेट से मात दी। वानखेड़े स्टेडियम पर खेला गया मैच बारिश से बाधित रहा और गुजरात ने मुंबई को मात देकर अंक तालिका में पहला स्थान हासिल किया।

इस मैच में मुंबई ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 155 रन बनाए। गुजरात को बारिश के चलते मैच में 19 ओवर में 147 रन बनाने का संशोधित लक्ष्य मिला। मैच मुंबई की तरह पूरा जाता हुआ नजर आ रहा था, लेकिन आखिरी गेंद पर गुजरात ने मुंबई से मैच छीन लिया। इस मैच में मिली जीत के बाद गुजरात के कप्तान शुभमन गिल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

GT के कप्तान Shubman Gill ने क्या कहा?

मुंबई के खिलाफ मैच जीतने के बाद गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल (GT Skipper Shubman Gill) जिन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया। इस अवॉर्ड को हासिल करने के बाद उन्होंने बताया कि नतीजा जीत के रूप में हमारी तरफ आया, जिससे मैं काफी खुश हूं। हां बीच-बीच में हमारी रणनीति बदलती जा रही थी।

हमने शुरुआत में टेस्ट मैच वाले अंदाज में खेलने का सोचा था और बीच में तेजी से रन बनाने का प्लान बनाया था। हम सिंगल डबल के रूप में गेम को चलाना चाहते थे। कई बार हम उदास हुए, लेकिन अंत में दो मिनट पहले हमें फिर से खेलने का मौका मिला, जिसस में हम काफी खुश थे। जब आप इस तरह का मैच जीतते हैं तो छोटा-छोटा योगदान भी अहम हो जाता है।

गिल ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के दौरान कहा,

“बारिश के बाद जब बल्लेबाजी करने उतरे तो थोड़ा अस्त-व्यस्त माहौल था, लेकिन मैच के बाद अपने नाम के आगे एक विकेट (जीत) देखना हमेशा अच्छा लगता है। पावरप्ले में हमारे गेम प्लान थोड़े अलग थे। हवा चल रही थी, बारिश भी आई, और शुरुआती चार-पांच ओवर तो ऐसा लग रहा था जैसे टेस्ट मैच खेल रहे हों। हमें सामान्य क्रिकेट खेलना पड़ा। पावरप्ले के बाद हमने अपनी मूल बल्लेबाजी शैली अपनाई।”

जब गिल से पूछा गया कि DLS नियम के अनुसार ये लक्ष्य का पीछा करना कैसा रहा, तो उन्होंने इस पर कहा,

“इस पिच पर काफी चुनौतीपूर्ण था। पिच थोड़ी धीमी थी और बारिश की वजह से सीधे बल्ले से शॉट मारना आसान नहीं था। हमारा फोकस स्ट्राइक रोटेट करने पर था, और जब गेंद हमारी रेंज में आई, तब उसे हिट करने की कोशिश की। बहुत सारी भावनाएं थीं। ज्यादातर निराशाजनक। एक समय पर हम काफी आगे थे, लेकिन फिर चार ओवर में 20 रन देकर 4 विकेट गिर गए, तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई टेस्ट मैच का सेशन हो जो आपके खिलाफ चला गया हो। लेकिन दुनिया ने एक और मौका दिया, और आखिर में सब कुछ हमारे हक में रहा। ऐसे मैच, जो आखिरी गेंद तक जाते हैं, उनमें हर एक योगदान अहम बन जाता है। शर्फेन, सभी गेंदबाज़, और फील्डिंग में छोटी-छोटी चीज़ें। यही वो पल होते हैं जो बड़ा फर्क डालते हैं। “

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