मीडिया से बातचीत के दौरान श्वेता प्रसाद ने कहा, “द ताश्कन्द फाइल्स” को मिल रही साकारात्मक प्रतिक्रिया

श्वेता प्रसाद ने मुंबई में मंगलवार को अपनी आने वाली फिल्म “द ताश्कन्द फाइल्स” के बारे में मीडिया से बातचीत की। 
 
श्वेता ने अपनी आने वाली फिल्म के ट्रेलर की दर्शकों द्वारा मिली प्रतिक्रिया को बताते हुए कहा, “ट्रेलर का रिस्पांस बहुत ही अच्छा रहा है, ट्रेलर को बहुत ही व्यू और कमेंट मिले हैं। मैनें जहाँ भी ट्रेलर को शेयर किया है, जैसे सोशलमीडिया, ट्वीटर, व्हाट्सएप पर अपनी फैमिली, दोस्तों, और जहॉ भी शेयर किया है सभी जगह से हमें काफी अच्छी और साकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, और दर्शक भी इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
 
जब श्वेता से पूछा गया कि, इसके पहले उन्हें “बद्रीनाथ की दुल्हनिया” में देखा गया था और अब इस फिल्म में जिसमें उनका अभिनय बिलकुल ही अलग है तो वे अपने अभिनय का चुनाव कैसे करती है?  तो उन्होंने कहा “बचपन में तो मेरे माता पिता चुनाव करते थे जैसे कि “इकबाल” और “मकड़ी” मुझे लगता है कि उन्होंने मेरे लिए अच्छा चुनाव किया था। और फिर फिल्म छोड़कर पढ़ाई करना भी उन्हीं का फैसला था। इसके पहले मैंने बद्रीनाथ में अभिनय किया था क्योंकि वो बहुत ही स्ट्रांग कैरेक्टर था। अब मैं हमेशा ही एक स्ट्रांग कैरेक्टर ढूंढती हूँ।  जब मेरे पास कोई फिल्म आती है तो सबसे पहले उसे मैं एक ऑडियंस के रूप में पढ़ती हूँ क्योंकि मैं भी तो एक ऑडियंस हूं और मैं भी फिल्में देखने जाती हूँ। फिल्म की स्क्रिप्ट को अच्छे से परखती हूं। पढ़ने के बाद मैं एसोसिएशन देखती हूँ और सभी एक अच्छे एसोसिएशन और एक साकारात्मक एनर्जी के साथ काम करना चाहते हैं। लेकिन हमारी फिल्म जगत की ये दिक्कत है कि एक बार ऐसे रोल करने के बाद आप टाइप कास्ट हो जाते हैं। बद्रीनाथ के बाद मेरे पास बहुत से ऑफर आये थे लेकिन कोई भी कैरेक्टर स्ट्रांग नहीं था और ऐसे अभिनय को मैं नहीं कर सकती थी ये मेरे प्रोफाइल के लिए सही नहीं है। एक अभिनय के रूप में मुझे बहुत ही अच्छा और स्ट्रांग रोल चाहिए।”

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उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से ही एक स्ट्रांग कैरेक्टर पर भरोसा करती हूं इसलिए मैं एक ऐेसे कैरेक्टर का इंतजार कर रहीं थी जो स्ट्रांग हो। जैसे मेरी फिल्म ‘इकबाल’ उसमें मेरा कैरेक्टर लोग आज भी याद करते हैं। इस फिल्म में मेरा कैरेक्टर बहुत ही स्ट्रांग है। मेरे लिए ये अभिनय करना इतना मुश्किल नहीं था क्योंकि मैं एक जर्नलिस्ट स्टुडेंट हूं। यह कहानी एक लड़की रागिनी फूले की है जो एक पत्रकारिता है जो भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत पर जाच करती है। उसके पास एक फाइल आती है जिसमें लिखा होता है ‘हू किल्ड शास्त्री’।” 
इसके बाद वो पूरा जाच पड़ताल करती है, और शास्त्री की मृत्यु से जुड़े राज को सुलझाती है। 
 
फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती नसीरुद्दीन शाह, पंकज त्रिपाठी, मंदिरा बेदी, पल्लवी जोशी, राजेश शर्मा अपनी शानदार एक्टिंग का जलवा बिखेरते नजर आयेंगे। 
इस फिल्म को विवेक अग्निहोत्री ने डायरेक्ट किया है। 
यह फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।

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