मिस-सेलिंग रोकने के लिए आरबीआई जारी करेगा गाइडलाइन

देश के बैंकिंग रेगुलेटर आरबीआई ने 2024-25 की एनुअल रिपोर्ट जारी की है। इसमें अन्य बातों के अलावा बैंकों और NBFC की तरफ से की जाने वाली मिस-सेलिंग का भी जिक्र है। रिपोर्ट में आरबीआई ने इससे संबंधित 2025-26 के लिए अपने एजेंडा में बताया है कि वह मिस-सेलिंग रोकने के लिए नई गाइडलाइन (RBI New Guidelines) जारी करेगा।

बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की तरफ से फाइनेंशियल प्रोडक्ट की मिस-सेलिंग रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्दी ही दिशानिर्देश (RBI New Guidelines) जारी करेगा। इसमें बैंकों और एनबीएफसी के अपने प्रोडक्ट के साथ थर्ड पार्टी के प्रोडक्ट भी शामिल होंगे।

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के ‘एजेंडा फॉर 2025-26’ में यह जानकारी दी है। बैंकों और एनबीएफसी की तरफ से उपभोक्ताओं को उचित जानकारी दिए बिना लोन, बीमा या निवेश उत्पादों को बढ़ावा देने के चलन को देखते हुए आरबीआई यह कदम उठाने जा रहा है।

RBI को मिलीं 2.96 लाख उपभोक्ता शिकायतें
उपभोक्ता शिक्षा एवं सुरक्षा (Consumer Education and Protection) के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में RBI को उपभोक्ताओं की 2.96 लाख शिकायतें मिली थीं। इससे पिछले वर्ष 2.93 लाख शिकायतें आई थीं। ज्यादातर शिकायतें बैंकों के खिलाफ हैं। उसके बाद NBFC और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CIC) का स्थान है। सबसे ज्यादा शिकायतें लोन और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को लेकर है।

रिजर्व बैंक ने 2025-26 के एजेंडा में बताया है कि वह इंटीग्रेटेड ओंबड्समैन स्कीम 2021 की समीक्षा करेगा। शिकायत दूर करने के फ्रेमवर्क पर वह एक मास्टर डायरेक्शन जारी करेगा। इसके अलावा शिकायत मैनेजमेंट सिस्टम में सुधार किया जाएगा ताकि लोग आसानी से शिकायत दर्ज करा सकें।

उपभोक्ता सुरक्षा मूल्यांकन के लिए मैट्रिक्स
बैंकिंग रेगुलेटर एक उपभोक्ता सुरक्षा मूल्यांकन मैट्रिक्स (CoPAM) भी तैयार कर रहा है। इससे यह मूल्यांकन किया जा सकेगा कि बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थान ग्राहक हितों की कितनी रक्षा करते हैं। अभी इसके लिए चुनिंदा बैंकों के साथ पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

इस समय ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों से शिकायतें कम आती हैं। इसका कारण समझने के लिए RBI ने उपभोक्ता जागरूकता का सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण के नतीजों के आधार पर टार्गेटेड योजना बनाई जा रही है।

वित्तीय साक्षरता में सुधार के लिए RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 में 239 जागरूकता कार्यक्रम और 47 टाउन हॉल मीटिंग का आयोजन किया। इनमें छात्रों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों पर फोकस किया गया। यहां बताए जाने वाले प्रमुख विषयों में डिजिटल बैंकिंग सेफ्टी, आधार-इनेबल्ड भुगतान प्रणाली और घोटाले से बचने के तरीे शामिल थे। धोखाधड़ी से उपभोक्ताओं को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है, यह बताने वाले एनिमेटेड वीडियो भी आरबीआई जारी करेगा।

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