ट्रंप ने चीन से कहा- कोरिया को समझाओ, वर्ना लगा दूंगा आर्थिक प्रतिबंध

 नार्थ कोरिया द्वारा नए अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अमेरिका अपनी और अपने सहयोगियों की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
ट्रंप ने चीन से कहा- कोरिया को समझाओ, वर्ना लगा दूंगा आर्थिक प्रतिबंध अमेरिका ने कहा है कि नार्थ कोरिया पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। व्हाइट हाउस के अनुसार मिसाइल परीक्षण के बाद ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग से फोन पर बात कर हालात पर चर्चा की।

उन्होंने चीन से प्योंगयांग पर दबाव बनाकर उसकी उत्तेजक कार्रवाई रुकवाने के लिए कहा। फोन पर बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि चीन नार्थ कोरिया को रोकने के लिए अपने सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल करे। इस क्षेत्र में नार्थ कोरिया द्वारा पैदा खतरों से निपटने में अमेरिका पूरी तरह सक्षम है। 

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण ट्रंप द्वारा उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने व आतंक प्रायोजित देश घोषित करने के बावजूद किया है। जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह मिसाइल उसके विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में आकर गिरी है।

उत्तर कोरिया के सरकारी टेलीविजन ने किम जोंग-उन के हवाले से इस परीक्षण की घोषणा की। टीवी एंकर री चुन-ही के मुताबिक किम ने कहा कि इस अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल की जद में पूरे अमेरिका को लाकर उत्तर कोरिया एक पूर्ण परमाणु संपन्न देश का दर्जा हासिल चुका है, यह गर्व की बात है।

एक वरिष्ठ कोरियाई अधिकारी ने कहा कि उसके परमाणु कार्यक्रम का एकमात्र निशाना अमेरिका है और बाकी के एशियाई देश यदि उसे उकसाएं नहीं तो वे सुरक्षित हैं।

आर्थिक व राजनयिक दबाव बनाए रखेंगे

अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस और रक्षामंत्री जिम मेटिस ने इस परीक्षण को दुनिया के लिए खतरा बताते हुए कहा कि जब तक उत्तर कोरिया अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं कर देता, हम उस पर आर्थिक व राजनयिक दबाव बनाए रहेंगे। 

चीन व रूस समेत कई देशों ने की निंदा
उत्तर कोरिया द्वारा किए गए ताजा मिसाइल परीक्षण की निंदा दुनिया के तमाम देशों ने की है। रूस ने इसे उत्तर कोरिया की उकसावे वाली कार्रवाई बताया। रूसी संसद क्रेमलिन की प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि निस्संदेह यह एक निंदनीय कार्रवाई है। जबकि उत्तर कोरिया के मित्र देश चीन ने मिसाइल परीक्षण पर गहरी चिंता जताते हुए उत्तर कोरिया से कहा कि वह तनाव बढ़ाने वाले काम को रोके।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम मेलकम टर्नबुल ने कहा कि वैश्विक शांति के लिए यह कार्रवाई अवैध और खतरनाक है। जापान ने इसे एशिया महाद्वीप पर एक बड़ा खतरा बताया, जबकि दक्षिण कोरिया ने कहा कि इससे पूरे कोरियाई प्रायद्वीप पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

 
 

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