मिलेनियल्स में तेजी से बढ़ रहे हैं Appendix Cancer के मामले

हाल ही में हुई एक स्टडी में कैंसर को लेकर एक और चिंताजनक बात सामने आई है। दरअसल, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के डाटा की एक स्टडी के अनुसार, मिलेनियल्स और जेनेरेशन X में एपेंडिक्स कैंसर (Appendix Cancer in Millennials) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

हालांकि, अपेंडिक्स कैंसर एक बहुत रेयर कैंसर है, जो अपेंडिक्स में होता है। पहले यह बीमारी ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। आइए जानें कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसके शुरुआती लक्षण (Appendix Cancer Symptoms) कैसे होते हैं।

एपेंडिक्स कैंसर बढ़ने के कारण क्या हैं?
मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम
मोटापा आजकल युवाओं में एक बड़ी समस्या बन चुका है। अनहेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटीज की कमी के कारण मोटापा बढ़ रहा है, जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम (हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन रेजिस्टेंस) का कारण बनता है। यह कंडिशन शरीर में सूजन और सेल्युलर डिसऑर्डर को जन्म देती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खाना
आजकल युवा पीढ़ी फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और प्रोसेस्ड मीट पर ज्यादा निर्भर हो गई है। इन फूड्स में प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल फ्लेवर और केमिकल्स होते हैं, जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर सेल्स के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।

मीट और शुगरी ड्रिंक्स की बढ़ती मात्रा
रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट (जैसे सॉसेज, बेकन) में नाइट्रेट्स और दूसरे हानिकारक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट और अपेंडिक्स के कैंसर के लिए रिस्क फैक्टर हैं। इसी तरह, शुगरी ड्रिंक्स (सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स) मोटापे और इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।

फिजिकल इनएक्टिविटी
लंबे समय तक बैठे रहना, एक्सरसाइज की कमी और स्ट्रेस युवाओं में पाचन संबंधी समस्याएं पैदा करते हैं, जो अपेंडिक्स कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं।

हालांकि, स्टडी में इसका कोई साफ कारण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन लाइफस्टाइल से जुड़े इन फैक्टर्स का इसके पीछे बड़ा हाथ माना जा रहा है।

एपेंडिक्स कैंसर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?
इस कैंसर के लक्षण अक्सर एपेंडिसाइटिस (अपेंडिक्स में सूजन) जैसे होते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।

पेट में दर्द- खासतौर से पेट के निचले हिस्से या पेल्विक एरिया में।
ब्लोटिंग (पेट फूलना)- पेट में गैस या फ्लूइड जमा होने के कारण सूजन महसूस होना।
कमर का साइज बढ़ना- बिना वजन बढ़े पेट का आकार बढ़ना।
बाउल हैबिट्स में बदलाव- लगातार डायरिया या कब्ज की समस्या।
मितली या उल्टी- बिना किसी कारण के जी मचलना या उल्टी आना।
जल्दी पेट भर जाना- थोड़ा खाने पर ही पेट भरा हुआ महसूस होना।

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