मानसून की बारिश के बीच मच्छरों का हमला तेज…

एमसीडी की जांच में एक माह में लार्वा मिलने के मामलों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अगले दो माह में मच्छर जनित बीमारियों के मामलों में इजाफा होने की आशंका है।
राजधानी में मानसून की बारिश के बीच मच्छरों का हमला भी बढ़ने लगा है। एमसीडी की जांच में एक माह में लार्वा मिलने के मामलों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अगले दो माह में मच्छर जनित बीमारियों के मामलों में इजाफा होने की आशंका है। ऐसे में इसे बेहद चिंताजनक मानते हुए एमसीडी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम में जुट गई है।
इन बीमारियों की रोकथाम के लिए एमसीडी की ओर से लगातार सर्वे किया जा रहा है। कर्मचारियों को जून के दूसरे सप्ताह के दौरान करीब 4850 परिसरों में मच्छरों का लार्वा मिला था जबकि जुलाई के दूसरे सप्ताह में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 8800 तक पहुंच गया। इस दौरान प्रत्येक सप्ताह के दौरान मच्छरों का लार्वा मिलने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली।
आंकड़ों पर नजर डालें तो चार वर्षों में लार्वा मिलने की स्थिति उतार-चढ़ाव के बावजूद नियंत्रण में नहीं आ सकी है। वर्ष 2022 में जुलाई के दूसरे सप्ताह तक करीब 49,100 परिसरों में लार्वा मिला था जो वर्ष 2023 में 97,500 तक पहुंच गया। वर्ष 2024 में इसमें गिरावट दर्ज हुई और संख्या 49,500 रही लेकिन 2025 में यह फिर बढ़कर 79,900 हो गई। उधर, एमसीडी ने लोगों से घरों और आसपास पानी न जमा होने देने, कूलर की समय-समय पर सफाई करने और फूलदान में जमे पानी को नियमित रूप से बदलने की अपील करने का सिलसिला तेज कर दिया है।
बुधवार को एमसीडी ने आईटीओ के सरकारी कार्यालय परिसरों में विशेष जांच अभियान चलाया। महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि अभियान के तहत 266 परिसरों की जांच की गई जिनमें से 50 स्थानों पर लार्वा मिले जिन्हें खत्म कर दिया गया। जनस्वास्थ्य विभाग को जांच के दौरान 5139 पानी के पात्रों में से 110 में एडीज मच्छर के लार्वा मिले।
इस कारण 34 अभियोजन दर्ज कर 44 नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें ईएसआई भवन, सीबीएसई भवन, संस्कृत भारती, सीआर बिल्डिंग, विकास भवन व आईटीपीओ, हिंदी भवन, लोक कल्याण समिति, राउज एवेन्यू कोर्ट, प्रसार भारती, पीडब्ल्यूडी भवन, एजीसीआर और दयाल सिंह पुस्तकालय जैसे प्रतिष्ठान शामिल हैं।