‘मानवता का धर्म’ ही सभी धर्मों का सार -डा.भारती गांधी
सीएमएस गोमती नगर ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् व सीएमएस संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि सभी धर्मों का सार एक ही है और वह है ‘मानवता का धर्म’ अर्थात सभी मनुष्यों की भलाई के लिए कार्य करना। सभी धर्म हमें एक ही ईश्वर की ओर ले जाते हैं और सभी पवित्र पुस्तकें जैसे गीता, बाइबिल, कुरान, गुरु ग्रन्थ साहब व किताबे-अकदस आदि सब यही सिखाते हैं कि हम सब एक ही परमात्मा की संताने हैं। न काई ऊँचा, न कोई नीचा, मानवता ही हमारा मूल धर्म है। हमें अपना जीवन मानव कल्याण के लिए अर्पित करना चाहिए। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि सत्संग भी एक प्रकार की शिक्षा है। शिक्षा के तीन रूप है- भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक। यहाँ सत्संग में आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती है। सत्संग में सभी धर्मों के अनुयायी साथ में बैठकर ईश्वर को याद करते हैं और सभी के हृदयों में एकता व शान्ति का और भाईचारे का संचार होता है। इससे पहले, सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों ने सुमधुर भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत कर सम्पूर्ण आडिटोरियम को आध्यात्मिक आलोक से प्रकाशित कर दिया तथापि उपस्थित सत्संग प्रेमियों को सुखद अनुभूति करायी।
विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) की छात्रों ने देशभक्ति से रंगों से सराबोर शिक्षात्मक-आध्यात्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। ‘स्कूल प्रार्थना’ से कार्यक्रम की शुरूआत करके छात्रों ने विभिन्न कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां दी। गीत ‘आसमां पे नजर आये तेरा जलाल खुदा’ एवं भाषण प्रस्तुति ‘व्हाई गॉड क्रिएटेड टीचर्स’ के शानदार प्रस्तुतिकरण से खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा, छात्रों की माताओं ने ‘जय जगत, जय जगत, जय जगत पुकारे जा’, ‘सांसो का ये खजाना ऐसे ही न लुटाना’ आदि गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर पर कई विद्वजनों ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सत्संग का समापन संयोजिका वंदना गौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।