माधुरी दीक्षित रखती है अपने हर काम का हिसाब-किताब

बॉलीवुड की धक-धक गर्ल के रूप में मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित मराठी और बॉलीवुड फिल्मों में धमाल मचा रही हैं। ‘डांस दीवाने’ शो से छोटे पर्दे पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश

 

 

सवाल- ‘पिछले कुछ सालों से आप लगातार काम कर रही हैं। साथ ही अपना प्रोडक्शन हाउस भी देख रही हैं और टीवी पर भी काम कर रही हैं। क्या अभी सिर्फ काम ही आपकी प्राथमिकता है?।

सच कहूं तो अभी काम करने के अलावा कोई और बात मन में नहीं है। पहले बच्चे छोटे थे। उन्हें मेरी जरूरत होती थी। अब वह बड़े हो गए हैं, अपने-अपने काम में व्यस्त रहते हैं। बच्चे अब अपने पसंदीदा कामों में रुचि दिखाने लगे हैं और इसके लिए दिन भर उनकी ‘क्लासेज’ चलती रहती हैं। वे तबला बजाते हैं, पियानो बजाते हैं और ‘परफॉर्म’ करते रहते हैं। ऐसे में मैं उन्हें उनका काम करने की आजादी देती हूं। अब जब घर पर मेरा काम कम हो गया है, तो मैंने सोचा कि बाहर ही काम कर लिया जाए। आज हर काम योजना के साथ होता है, क्योंकि लोग पेशेवर ढंग से काम *करते हैं।

सवाल-पेशेवर ढंग से काम करने से आपका क्या मतलब है। क्या पहले ऐसा नहीं होता था?.

पहले सिर्फ एक गाने को तैयार करने में 20 से 30 दिन का समय लग जाता था। मैंने खुद ‘एक दो तीन’ गाने के लिए तीस दिन रिहर्सल की थी। अब ऐसा नहीं होता। अब लोग समय को लेकर मुस्तैद हो गए हैं और एक फिल्म कितने दिन में बनी, कौन कितने बजे सेट पर आया, कितने रीटेक हुए, सबका हिसाब-किताब होता है। पहले की तरह नहीं है, जब हीरो को 10 बजे बुलाते थे तो वह 2 बजे आता था। ऐसे में पूरी टीम का समय बर्बाद होता था, लेकिन आज ऐसा नहीं है, इसलिए काम आसान हो गया है। अब स्टूडियो बेहतर हो गए हैं। वैनिटी वैन हैं, जो किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं हैं। पहले खुले में शूटिंग होती थी, सेट पर लगने वाली लाइटों से इतनी गर्मी होती थी कि आप झुलस जाएं। इसलिए सभी कलाकार पंखे के सामने कुर्सी लगा के बैठ जाते थे। 

सवाल- ‘आपको आपके करियर का पहला ऑफर 7वीं क्लास में मिला था, जिसे करने से आपकी मां ने आपको मना कर दिया था। तो अगर आपके बच्चों को कोई फिल्म का ऑफर आया तो आप उन्हें करने देंगी?.

मेरी मां ने उस समय मुझे इसलिए फिल्म करने से रोका था, क्योंकि वह जानती थीं कि मेरा ध्यान कहां पर है। मैं पढ़ाई में अच्छी थी, इसलिए किसी को कभी लगा ही नहीं कि मेरा रुझान अभिनय की तरफ भी होगा। लेकिन मैं अपने बच्चों को जानती हूं। नाच या अभिनय में उन्होंने कभी अपनी दिलचस्पी दिखाई नहीं है। हालांकि, अभी वे ऐसी उम्र में हैं, जहां हर दिन दिलचस्पी बदलती है। आजकल उन्होंने ‘डांस दीवाने’ शो में डांस कर रहे बच्चों में दिलचस्पी लेनी शुरू की है। वे उनके बारे में बात करते हैं, ऐसे में अगर 18 या 20 साल की उम्र में वे कहेंगे कि एक्टिंग करनी है, तो देखा जाएगा।

सवाल- ‘सुनने में आता है कि शुरुआत में आप अभिनय तो कर लेती थीं, पर डांस में ही सबसे ज्यादा रीटेक लेती थीं, जबकि आपको डांस की वजह से ही बॉलीवुड में ब्रेक मिला था। ऐसा क्यों होता था ?

दरअसल, स्टेज पर डांस और कैमरे के सामने डांस करने में बहुत अंतर होता था। स्टेज पर खुलकर डांस कर सकते हैं, लेकिन कैमरे के सामने आपको न सिर्फ अपने ‘डांस मूव्स’ पर, बल्कि कहां पर खड़े रहना है, हाथ कितना ऊपर करना या फिर देखना किस तरफ है, ये सब ध्यान रखना पड़ता है। बस यही समझने में मुझे समय लगा, इसलिए कैमरे को पहली बार फेस कर रहे डांसर को *मैं सबसे पहले यही सलाह देती हूं कि *डांस के साथ-साथ कैमरे का ‘एंगल’ भी ध्यान में रखें। 

बायोपिक्स’ के इस दौर में क्या आप अपनी बायोपिक बनते देखना चाहेंगी?।

अभी मैं इस बारे में नहीं सोच रही हूं, क्योंकि अभी मेरे हिसाब से मुझे काफी कुछ करना है। बायोपिक के लिए अभी मेरा ‘रेज्यूमे’ *कमजोर है। 

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