महिला अफसर की FB पर कविता, लोग सीएम के टांगने वाले बयान से जोड़ रहे

ग्वालियर. ग्वालियर की तहसीलदार भूमिजा सक्सेना ने फेसबुक पर 9 पैरे और 339 शब्दों की इस कविता पोस्ट की है। इसमें उन्होंने वो सारी दिक्कतें लिखी हैं, जो राजस्व अमले को काम के दौरान आती हैं। कविता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल में राजस्व मामलों के निपटारे में ढिलाई बरतने पर राजस्व अमले व कलेक्टरों को उल्टा लटकाने की चेतावनी के बाद पोस्ट की गई है। इसलिए इसे उनके फेसबुक फ्रेंड और उनके साथी कर्मचारी सीएम की चेतावनी के विरोध के तौर पर देख रहे हैं।पहले भी मोर्चा खोल चुकी हैं भूमिजा सक्सेना….
महिला अफसर की FB पर कविता, लोग सीएम के टांगने वाले बयान से जोड़ रहे
 
– भूमिजा ने कविता के हर पैरे के अंत में मुखिया को संबोधन देते हुए विश्वास उठना, नजरों से उतरना, संतुष्ट न होना, शंका करना, भरोसा न करना, आरोप लगाना, गलती दिखना, व्यक्तिगत हित और भ्रष्ट कैसे कह लेते हैं, जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है।
– नजूल शाखा में तहसीलदार सक्सेना इससे पहले भी वेब जीआईएस साॅफ्टवेयर के खिलाफ भी मोर्चा खोला था।
– राजस्व अधिकारियों के साथ उन्होंने ही तत्कालीन कलेक्टर डॉ. संजय गोयल को ज्ञापन दिया था। उसके बाद राजस्व अधिकारियों ने इस सॉफ्टवेयर पर काम बंद कर दिया था।
– इसके अलावा श्रीमती सक्सेना ने पुलिस अफसरों के खिलाफ भी तत्कालीन कलेक्टर डॉ. संजय गोयल को शिकायत पत्र देकर कहा था कि मृत्यु पूर्व लिए जाने वाले बयान में पुलिस सहयोग नहीं करती, बल्कि अभद्रता की जाती है।
 
339 शब्दों का दर्द समझिए इस पैरे से
देखा है मैंने अमले को अपमानित होते,
अन्य सेवाओं से राजस्व को कम आंकते,
असंभव प्रतीत होने वाले कार्य संभव करते,
शासन हित में ही एकजुट हो काम करते,
फिर मुखिया को व्यक्तिगत हित क्यों दिखते?
 
क्या कहा था सीएम ने
– भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में 22 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मैं एक महीने बाद जिलों के दौरे पर जाऊंगा। वहां मुझे अगर अविवादित नामांतरण और सीमांकन के मामले पेंडिंग मिले। तो कलेक्टरों को उल्टा टांग दूंगा।
– उन्होंने यह बात दमोह के राजेंद्र गुरु द्वारा उठाए गए सवाल पर कही थी। राजेंद्र गुरु ने कहा था कि राजस्व मामले हल करने की व्यवस्था ठीक की जाए। ताकि लोगों को परेशानियां न हों।
 
इन दिनों माहौल दिखा तो पोस्ट की कविता
कविता पिछले वर्ष लिखी थी, लेकिन इन दिनाें इस कविता के मुताबिक माहौल दिखा, सो पोस्ट कर दिया। ऐसा नहीं कि राजस्व या दूसरे विभाग के अफसर काम करना नहीं चाहते, लेकिन सरकार को भी काम के लिए माहौल बनाना चाहिए। कई विभागीय एवं तकनीकी कमियों के बीच हम लोग काम करते हैं फिर भी हम लोगों को ही दोष दिया जाता है, जो कि बिल्कुल गलत है।
भूमिजा सक्सेना, तहसीलदार

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