पहले की महिलाएं इस काम के लिए अपने प्राइवेट पार्ट के अन्दर डाल लेती थी जोंक, खबर पढ़कर..

पुराने ज़माने में महिलाएं अपने गर्भपात की बात खुलकर ऐसे सबके सामने नहीं कर पाती थी। मगर आज महिलाओं के पास अपने डॉक्टर से बात करने की आज़ादी तो है, लेकिन पहले उनके पास न तो अपनों से बात करने की आज़ादी थी और न ही डॉक्टर से। इसलिए वो घर ही में अबॉर्शन के लिए ऐसे ख़तरनाक तरीके अपनाती थीं कि सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।
अपनाती थी ये खतरनाक तरीके:
योनी में जोंक: कुछ जगहों पर महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट के अन्दर जोंक (लिचेस) डाल लेती थीं। लोगों का मानना था कि ये कीड़े गर्भ में पल रहे भ्रूण को मार कर खा जाएंगे और इस तरह उनका अबॉर्शन हो जाएगा।
टाइट कपड़े: ई महिलाएं गर्भपात के लिए टाइट कपड़े पहनती थीं। लॉजिक के मुताबिक, टाइट कपड़ों में गर्भ में पल रहा फ़ीटस बढ़ नहीं पाता और महिला का गर्भपात हो जाता था।
हैंगर या नीडल: कई महिलाएं अबॉर्शन के लिए अपनी बॉडी में हैंगर या बड़ी सुई डालती थीं। इस तरह की नुकीली चीज़ें गर्भ में मौजूद बच्चे को नुकसान पहुंचाकर गर्भपात करवा देती थी।
शॉक थैरेपी: कई जगहों पर शॉक थैरेपी के जरिए गर्भपात करवाया जाता था। महिलाओं को बिना एनेस्थीसिया दिए उनके दांत उखाड़े जाते थे या प्रेग्नेंट महिला को कुत्तों से कटवाया जाता था।
# कुल्हाड़ियों से वार: कई जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने पेट पर हथौड़े या कुल्हाड़ी से वार करती थीं, ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो जाए।

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