महाराष्ट्र: नासिक में धार्मिक स्थल पर बुल्डोजर कार्रवाई पर बवाल

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शहर के काठे गली इलाके में स्थित अनधिकृत धार्मिक स्थल को हटाने का आदेश दिया था। मंगलवार रात को जब धार्मिक स्थल को उसके ट्रस्टी हटा रहे थे तो भीड़ जमा हो गई। प्रदर्शनकारियों ने विरोध करते हुए पथराव कर दिया। इसमें 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया।
महाराष्ट्र के नासिक में धार्मिक स्थल पर बुल्डोजर कार्रवाई पर बवाल हो गया। धार्मिक स्थल को गिराने पर गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इसमें 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने तीन पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले छोड़े और स्थिति को नियंत्रण में किया। 15 लोगों को हिरासत में लिया है। जबकि अन्य की तलाश जारी है।
पुलिस ने बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने शहर के काठे गली इलाके में स्थित अनधिकृत सतपीर बाबा दरगाह को हटाने का आदेश दिया था। नासिक के पुलिस आयुक्त संदीप कार्णिक ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक सतपीर दरगाह के ट्रस्टियों ने मंगलवार रात को ढांचे को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। तभी दरगाह को हटाने का विरोध करने के लिए उस्मानिया चौक पर भीड़ जमा हो गई। इसके बाद दरगाह के ट्रस्टी और अन्य लोग जब उन्हें शांत कराने गए तो उन्होंने उनकी एक न सुनी।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने भी उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उनकी बात भी नहीं मानी। उपद्रवियों ने पथराव किया और कुछ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। हमले में तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए तथा 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरगाह को सुबह ध्वस्त कर दिया गया। साथ ही 15 लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके अलावा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। संदिग्धों की 57 मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह नगर निगम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लगभग 50 एनएमसी कर्मियों ने चार मिट्टी खोदने वाली मशीनों, छह ट्रकों और दो डंपरों से मलबा हटाया। इससे पहले फरवरी में नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी टीम ने दरगाह के निकट कई अनधिकृत संरचनाओं को हटा दिया था। नासिक सेंट्रल की विधायक देवयानी फरांडे ने भी कहा था कि फरवरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान पूरा नहीं हुआ है और पूरे स्थल को साफ किया जाना चाहिए।