महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने फडणवीस को बताया कमजोर नेता

महाराष्ट्र की राजनीति में जारी गर्माहट के बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार को असफल बताया। साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बढ़ते भ्रष्टाचार पर अंकुश में लगाने में असफल बताते हुए कमजोर नेता बताया। पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी को भाजपा से हिंदुत्व की कोई प्रमाण-पत्र लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भाजपा देश में दीवारें खड़ी कर रही है।

ठाकरे ने कहा कि भारत एक सुंदर देश है, इसकी संस्कृति महान है। लेकिन भाजपा ने माहौल को खराब कर दिया है और देश में फूट डाली है। मैं इस खराब हालत को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार कश्मीर और मणिपुर के मुद्दों को सही से नहीं संभाल पाई है।

फडणवीस सरकार पर जमकर साधा निशाना
उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भारी बहुमत होने के बावजूद मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में कमजोर दिख रहे हैं। उन्होंने किसानों की मदद में सरकार की नाकामी पर भी सवाल उठाए और कहा कि अभी तक किसान कर्ज माफी की घोषणा नहीं की गई है, जबकि जब वे मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने यह कदम उठाया था।

साथ ही हिंदुत्व के सवाल पर ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने मुसलमानों को खुश करने के लिए ‘सौगात-ए मोदी’ अभियान शुरू किया है। उद्धव ठाकरे ने भाजपा से पूछा कि क्या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सच्चे हिंदुत्ववादी हैं। ठाकरे ने कहा कि उन्हें भाजपा से हिंदुत्व का प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके दादा प्रभोदंकर ठाकरे एक प्रसिद्ध सुधारक थे और उनकी हिंदुत्व विचारधारा प्रगतिशील है। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी बातों पर भी तंज कसा।

एकनाथ शिंदे को भी लिया आड़ेहाथ
दूसरी ओर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उद्धव ठाकरे ने दशहरे का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि शिवसेना का दशहरा रैली शिवाजी पार्क में बिना किसी बंद दरवाजे के हुई, जबकि शिंदे के ‘बंद कमरों’ में बैठकों की खबरें हैं।

उन्होंने कहा कि ठाकरे ने कहा कि शिवसेना के दशहरा रैली की परंपरा 1966 से चली आ रही है और यह उनकी पार्टी की पहचान है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘ठाकरे ब्रांड’ आज नहीं बल्कि कई पीढ़ियों से चल रहा है और इसका जन्म पुणे में हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने शिंदे पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया।

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